निमिया के डार माईया” एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है जो देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करता है। इस गीत को ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से नवरात्रि के समय गाया जाता है। इसका सरल और भावपूर्ण संगीत भक्तों को देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करता है।
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Complete Devotional Article (Hindi & Simple English Mix):
“Nimiya Ke Daar Maiya” एक प्राचीन भजन है जो देवी दुर्गा की स्तुति करता है। यह गीत उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में खासा प्रचलित है, जहाँ लोग इसे पूरी श्रद्धा के साथ गाते हैं। यह गीत हमें मां दुर्गा के प्रति प्रेम और सम्मान सिखाता है।
Nimiya Ke Daar Maiya Lyrics in Hindi:
निमिया के डार माईया
ओरी हरिनी गहबरवा
आरा के राजा, बाबू के धनवा
बिरवा से लागल फुलवा
निमिया के डार माईया
ओरी हरिनी गहबरवा
सुरसतिया के पतिया गढ़ाइल मोतिया
दुलहा के अंखिया भिगाइल
निमिया के डार माईया
ओरी हरिनी गहबरवा
बिरवा से लागल फुलवा
आरा के राजा, बाबू के धनवा
Nimiya Ke Daar Maiya Lyrics in Hinglish:
Nimiya ke daar maiya
Oree harini gahbarwa
Aara ke raja, babu ke dhanwa
Birwa se lagal phulwa
Nimiya ke daar maiya
Oree harini gahbarwa
Sursatiya ke patiya, gadhail motiya
Dulha ke ankhiyan bhigail
Nimiya ke daar maiya
Oree harini gahbarwa
Birwa se lagal phulwa
Aara ke raja, babu ke dhanwa
3.1 How to chant:
“Nimiya Ke Daar Maiya” को गाने का तरीका बहुत ही सरल है। इसे गाने के लिए कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले एक शांत स्थान चुनें जहाँ ध्यान लगाकर मां दुर्गा का ध्यान किया जा सके। आप अपने मन को शांत रखें और गीत के हर शब्द का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध करें। गाना शुरू करने से पहले कुछ दीपक या अगरबत्ती जलाएं जिससे मन और वातावरण दोनों पवित्र हो जाएं। गीत को मन से गाने का प्रयास करें ताकि मां दुर्गा की कृपा आपके जीवन में बरसे। इसे गाते समय देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें, जिससे ध्यान केंद्रित हो सके।
3.2 When to chant:
“Nimiya Ke Daar Maiya” को कभी भी गाया जा सकता है, लेकिन नवरात्रि का समय सबसे उत्तम माना जाता है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है और इस गीत को गाकर भक्तगण मां की आराधना करते हैं। इसके अलावा, आप इसे सुबह और शाम के समय भी गा सकते हैं। सुबह का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि यह समय नए दिन की शुरुआत का प्रतीक होता है। शाम के समय यह गीत दिनभर की थकान और चिंता को दूर करके मन को शांति और सुकून प्रदान करता है। जब भी आपका मन अशांत हो, आप इसे गाकर मां दुर्गा का ध्यान कर सकते हैं।
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3.3 What is best time to chant:
सबसे अच्छा समय “Nimiya Ke Daar Maiya” का उच्चारण करने के लिए प्रातः काल और सांध्य समय माना जाता है। प्रातः काल का समय इसलिए उत्तम होता है क्योंकि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है। इस समय पूरे वातावरण में एक दिव्यता और शांति का अनुभव होता है। खासकर नवरात्रि के दौरान सुबह-सुबह इस गीत को गाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसके अलावा, सांध्य समय भी शुभ होता है क्योंकि दिनभर की थकान के बाद मन और आत्मा को इस गीत के माध्यम से शांति मिलती है। आप इसे अपने पूजा के समय गा सकते हैं, चाहे वह सुबह हो या शाम।
3.4 Process to chant:
“Nimiya Ke Daar Maiya” का उच्चारण बहुत ही सरल प्रक्रिया है। सबसे पहले, आप एक स्वच्छ और शांत स्थान पर बैठें, जहां ध्यान केंद्रित करने में कोई विघ्न न हो। अगरबत्ती या दीपक जलाएं और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें। गाने के समय ध्यान रखें कि हर शब्द का सही उच्चारण हो और मन से मां दुर्गा का ध्यान करें। गीत को मन की गहराई से गाना महत्वपूर्ण है ताकि देवी की कृपा प्राप्त हो सके। साथ ही, आप चाहें तो परिवार के सदस्यों के साथ समूह में भी इस गीत को गा सकते हैं।
3.5 Benefit of chanting:
“Nimiya Ke Daar Maiya” का उच्चारण करने से मानसिक शांति और आत्मिक सुख की प्राप्ति होती है। यह गीत मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इस गीत को गाने से आपके मन की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, यह गीत आपके जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने में सहायक होता है। मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने का यह गीत अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे गाने से आपका मन शांत और स्थिर हो जाता है। यह गीत भक्ति के माध्यम से देवी की कृपा को आमंत्रित करता है।
3.6 History:
“Nimiya Ke Daar Maiya” की उत्पत्ति ग्रामीण भारत में हुई थी, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में। यह गीत उस समय के ग्रामीण जीवन और धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ा हुआ है। यह गीत सदियों से गाया जा रहा है और इसे नवरात्रि के दिनों में खासतौर पर गाया जाता है। इस गीत का इतिहास हमें उस समय के सामाजिक और धार्मिक परिवेश की याद दिलाता है जब लोग देवी दुर्गा की आराधना करने के लिए एकत्र होते थे। यह गीत देवी के प्रति अपनी भक्ति और आस्था को व्यक्त करने का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है।
What Clothes We Need:
“Nimiya Ke Daar Maiya” गाने के लिए कोई विशेष वस्त्र नहीं होते, लेकिन शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। आप सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहन सकते हैं जो शांति और भक्ति का प्रतीक होते हैं। खासकर अगर आप नवरात्रि के समय इस गीत का उच्चारण कर रहे हैं, तो पारंपरिक वस्त्र पहनना उत्तम माना जाता है। महिलाएं साड़ी या सलवार कमीज पहन सकती हैं और पुरुष धोती या कुर्ता-पायजामा पहन सकते हैं। इन वस्त्रों का उद्देश्य भक्ति के समय शरीर और मन दोनों को पवित्र रखना है।
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FAQs:
Q: “Nimiya Ke Daar Maiya” कब गाया जा सकता है?
A: आप इसे किसी भी समय गा सकते हैं, लेकिन नवरात्रि और सुबह-शाम का समय उत्तम माना जाता है।
Q: क्या विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है?
A: नहीं, केवल शुद्ध मन और शांत स्थान की आवश्यकता होती है।
Q: इस गीत को गाने के क्या लाभ हैं?
A: यह मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।
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