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BA 2nd Year Political Science Notes In Hindi PDF

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राजनीति विज्ञान बीए द्वितीय वर्ष का एक महत्वपूर्ण विषय है। राजनीतिक सिद्धांतों, सरकार की प्रणालियों और विभिन्न विचारधाराओं की समझ होना इस विषय में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। नीचे हम सभी महत्वपूर्ण विषयों को कवर करेंगे और आपकी बीए द्वितीय वर्ष राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम में सफलता के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान करेंगे।

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लेखांश नोट्स:

भारतीय सरकार और राजनीति

भारतीय संविधान भारत में राजनीतिक व्यवस्था की नींव है। यह विभिन्न राजनीतिक संस्थानों की संरचना और कार्यों के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच संबंध को निर्धारित करता है।

  • संविधान: 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया भारतीय संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यह भारत को एक लोकतांत्रिक, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में स्थापित करता है।
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  • मौलिक अधिकार: ये भारत के सभी नागरिकों को दिए गए बुनियादी मानवाधिकार हैं। इनमें समानता का अधिकार, बोलने की स्वतंत्रता और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है।
  • संसद: भारत की संसद एक द्विसदनीय निकाय है, जिसमें लोकसभा (जनता का सदन) और राज्यसभा (राज्यों की परिषद) शामिल हैं। यह देश के कानून बनाने और सरकार चलाने के लिए जिम्मेदार है।
  • राष्ट्रपति: राष्ट्रपति भारत के सांकेतिक राज्य प्रमुख होते हैं। हालांकि राष्ट्रपति की शक्तियाँ ज्यादातर प्रतीकात्मक होती हैं, लेकिन वे संसद द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • प्रधानमंत्री: प्रधानमंत्री भारत सरकार के प्रमुख होते हैं और प्रशासन चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का नेतृत्व करते हैं और संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
  • न्यायपालिका: भारत में न्यायपालिका स्वतंत्र है और संविधान की व्याख्या करने की शक्ति रखती है। भारत का सर्वोच्च न्यायालय देश की सबसे ऊंची अदालत है, इसके बाद उच्च न्यायालय और निचली अदालतें आती हैं।

तुलनात्मक राजनीति

तुलनात्मक राजनीति विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणालियों का अध्ययन और तुलना करती है।

  • राजनीतिक प्रणालियाँ: दुनिया भर में कई राजनीतिक प्रणालियाँ हैं, जिनमें लोकतंत्र, राजतंत्र और अधिनायकवाद शामिल हैं।
  • लोकतंत्र: लोकतंत्र में, सरकार को जनता द्वारा चुना जाता है। इसके उदाहरण हैं भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका।
  • राजतंत्र: राजतंत्र एक ऐसी प्रणाली है जहाँ राजा या रानी के पास सत्ता होती है। इसके उदाहरण हैं यूनाइटेड किंगडम और सऊदी अरब।
  • अधिनायकवाद: अधिनायकवाद में सत्ता एक शासक या एक छोटे समूह के हाथों में केंद्रित होती है। इसके उदाहरण हैं उत्तर कोरिया और चीन।
  • संघवाद: संघवाद एक प्रणाली है जिसमें सत्ता एक केंद्रीय प्राधिकरण और क्षेत्रीय सरकारों के बीच विभाजित होती है। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका संघीय राज्यों के उदाहरण हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अंतर्राष्ट्रीय संबंध देशों के बीच बातचीत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसमें कूटनीति, संधियाँ और संघर्ष समाधान शामिल हैं।

  • संयुक्त राष्ट्र (UN): 1945 में स्थापित, UN का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसमें महासभा, सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जैसी कई इकाइयाँ शामिल हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ: देश अक्सर संघर्षों को हल करने या व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करने के लिए संधियाँ करते हैं। उदाहरण के लिए, पेरिस समझौता जलवायु परिवर्तन को संबोधित करता है।
  • कूटनीति: कूटनीति देशों के बीच बातचीत और संवाद के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का प्रबंधन करने का अभ्यास है।
  • वैश्वीकरण: वैश्वीकरण से तात्पर्य दुनिया की बढ़ती परस्पर निर्भरता से है, जिसमें व्यापार, संचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं। इसका राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ता है।

राजनीतिक सिद्धांत

राजनीतिक सिद्धांत वे मौलिक अवधारणाएँ हैं जो यह समझाती हैं कि सरकारें और समाज कैसे काम करते हैं।

  • लोकतंत्र: लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली है जहाँ लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। लोकतंत्र के सिद्धांतों में समानता, भागीदारी और जवाबदेही शामिल हैं।
  • समाजवाद: समाजवाद प्रमुख उद्योगों और संसाधनों पर सरकारी नियंत्रण की वकालत करता है ताकि धन का समान वितरण सुनिश्चित किया जा सके। चीन और क्यूबा जैसे देशों में समाजवादी तत्व हैं।
  • पूंजीवाद: पूंजीवाद मुक्त बाजारों और निजी स्वामित्व पर आधारित है। सरकार का अर्थव्यवस्था पर बहुत कम नियंत्रण होता है, और बाजार की ताकतें कीमतों और उत्पादन का निर्धारण करती हैं।
  • साम्यवाद: साम्यवाद एक वर्गविहीन, राज्यविहीन समाज की स्थापना करना चाहता है जहाँ सभी संपत्ति सामूहिक रूप से स्वामित्व में हो। कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स साम्यवादी सिद्धांत के प्रमुख व्यक्ति हैं।
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राजनीतिक विचारधाराएँ

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राजनीतिक विचारधाराएँ इस बात को आकार देती हैं कि सरकारें कैसे बनती हैं और कैसे काम करती हैं। प्रमुख विचारधाराओं में शामिल हैं:

  • उदारवाद: उदारवाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मुक्त बाजारों की वकालत करता है। यह नागरिक अधिकारों और राजनीतिक समानता का समर्थन करता है।
  • रूढ़िवाद: रूढ़िवाद परंपरा, सामाजिक स्थिरता और स्थापित संस्थानों को बनाए रखने पर जोर देता है। यह राजनीतिक प्रणाली में बड़े बदलावों का विरोध करता है।
  • नारीवाद: नारीवाद सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अधिकारों और अवसरों की स्थापना करना चाहता है। यह पितृसत्ता को चुनौती देता है और लैंगिक समानता की वकालत करता है।
  • राष्ट्रीयता: राष्ट्रीयता किसी विशेष राष्ट्र के हितों को बढ़ावा देती है और उसकी संप्रभुता और पहचान को बनाए रखने का प्रयास करती है।

भारतीय राजनीतिक विचारक

कई प्रमुख राजनीतिक विचारकों ने भारतीय राजनीतिक विचार को आकार दिया है:

  • महात्मा गांधी: गांधी अपने अहिंसा (अहिंसा) और सविनय अवज्ञा के दर्शन के लिए जाने जाते हैं, जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर: अम्बेडकर भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्होंने हाशिए पर रहने वाले समुदायों, विशेष रूप से दलितों के अधिकारों की वकालत की।
  • जवाहरलाल नेहरू: नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के मजबूत समर्थक थे।
  • बाल गंगाधर तिलक: तिलक एक राष्ट्रवादी नेता थे, जो स्वराज (स्वशासन) में विश्वास करते थे और भारतीयों को उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

भारत में राजनीतिक दल

भारत में कई राजनीतिक दल हैं जो विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): 1885 में स्थापित, INC ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और तब से भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक रहा है।
  • भारतीय जनता पार्टी (BJP): BJP एक दक्षिणपंथी राजनीतिक दल है जो हिंदू राष्ट्रवाद और रूढ़िवादी नीतियों की वकालत करता है।
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI): CPI मार्क्सवादी और साम्यवादी विचारधाराओं का अनुसरण करती है और भारत में एक वर्गविहीन समाज की स्थापना करना चाहती है।
  • क्षेत्रीय दल: भारत में कई क्षेत्रीय दल भी हैं, जैसे तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और महाराष्ट्र में शिवसेना, जो राज्य-विशिष्ट मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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भारत में चुनाव

चुनाव भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भारत एक संसदीय शासन प्रणाली का पालन करता है, जहाँ जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है।

  • सामान्य चुनाव: लोकसभा (संसद के निचले सदन) के सदस्यों का चुनाव करने के लिए हर पांच साल में सामान्य चुनाव होते हैं। बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन सरकार का गठन करता है।
  • राज्य चुनाव: राज्य चुनाव राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए होते हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी सरकार होती है, जो केंद्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में न आने वाले मामलों के लिए जिम्मेदार होती है।
  • भारत का चुनाव आयोग: चुनाव आयोग भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। यह चुनाव प्रक्रिया, मतदाता पंजीकरण और मतगणना की देखरेख करता है।

भारतीय संघवाद

भारत एक संघीय प्रणाली का पालन करता है, जहाँ सत्ता केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच विभाजित होती है।

  • केंद्रीय सरकार: केंद्रीय सरकार रक्षा, विदेशी नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों के लिए जिम्मेदार है।
  • राज्य सरकार: राज्य सरकारें स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे मामलों को संभालती हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका होती है।
  • केंद्र शासित प्रदेश: केंद्र शासित प्रदेश वे क्षेत्र होते हैं, जिनका शासन सीधे केंद्रीय सरकार द्वारा किया जाता है। कुछ केंद्र शासित प्रदेशों, जैसे दिल्ली और पुडुचेरी, की अपनी विधानसभाएँ हैं।
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भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन

बदलते राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को संबोधित करने के लिए भारतीय संविधान में कई संशोधन किए गए हैं।

  • 42वां संशोधन (1976): “मिनी-संविधान” के रूप में जाना जाने वाला यह संशोधन महत्वपूर्ण बदलाव लाया, जिसमें प्रस्तावना में “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्दों को जोड़ा गया।
  • 44वां संशोधन (1978): यह संशोधन आपातकाल के दौरान सरकार की शक्ति को सीमित करके व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था।
  • 73वां और 74वां संशोधन (1992): इन संशोधनों ने पंचायती राज और नगरपालिकाओं को सशक्त बनाकर स्थानीय स्वशासन को मजबूत किया।
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अंतर्राष्ट्रीय संगठन

अंतर्राष्ट्रीय संगठन वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • संयुक्त राष्ट्र (UN): UN एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसे राष्ट्रों के बीच शांति, सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। इसमें सुरक्षा परिषद और महासभा जैसी इकाइयाँ शामिल हैं।
  • विश्व व्यापार संगठन (WTO): WTO अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है और देशों के बीच व्यापार बाधाओं को कम करने का प्रयास करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF): IMF आर्थिक संकट का सामना कर रहे देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करता है।

भारत में राजनीतिक आंदोलन

कई राजनीतिक आंदोलनों ने भारत के राजनीतिक परिदृश्य को आकार दिया है:

  • स्वदेशी आंदोलन: स्वदेशी आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष का एक हिस्सा था, जिसने भारतीय वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दिया और ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार किया।
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन: महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस आंदोलन ने भारतीयों को ब्रिटिश द्वारा लगाए गए अन्यायपूर्ण कानूनों का पालन न करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • भारत छोड़ो आंदोलन: 1942 में शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का आह्वान किया।

कक्षा हैंडआउट्स (Class Handouts)

कक्षा नोट्स वे सरल सारांश होते हैं जो छात्रों को व्याख्यानों के दौरान दिए जाते हैं, जिससे प्रमुख अवधारणाओं को जल्दी से समझना आसान हो जाता है। नीचे कुछ प्रमुख विषयों को संक्षिप्त बिंदुओं में विभाजित किया गया है:

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार:

  • समानता का अधिकार: कानून के सामने समानता की गारंटी देता है और भेदभाव को रोकता है।
  • स्वतंत्रता का अधिकार: इसमें भाषण, अभिव्यक्ति, सभा और आंदोलन की स्वतंत्रता शामिल है।
  • संवैधानिक उपचारों का अधिकार: व्यक्तियों को अपने मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए न्यायालय में जाने की अनुमति देता है।

राजनीतिक प्रणालियों के प्रकार:

  • लोकतंत्र: जनता द्वारा सरकार, जिसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं।
  • राजतंत्र: राजा या रानी द्वारा शासन, अक्सर वंशानुगत होता है।
  • अधिनायकवाद: केंद्रीकृत नियंत्रण, जिसमें सीमित राजनीतिक स्वतंत्रताएँ होती हैं।
  • संघवाद: सत्ता केंद्र और क्षेत्रीय सरकारों के बीच विभाजित होती है (उदाहरण: भारत)।

महत्वपूर्ण राजनीतिक सिद्धांत:

  • समाजवाद: संसाधनों के राज्य स्वामित्व की वकालत करता है ताकि समानता को बढ़ावा दिया जा सके।
  • पूंजीवाद: मुक्त-बाजार अर्थव्यवस्था और निजी स्वामित्व को बढ़ावा देता है।
  • साम्यवाद: वर्गविहीन समाज की स्थापना का लक्ष्य रखता है, जहाँ संसाधनों को समान रूप से साझा किया जाता है।

सरकार की शाखाएँ:

  • कार्यपालिका: कानूनों को लागू करती है, इसका नेतृत्व राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री करते हैं।
  • विधायिका: कानून बनाती है, जिसमें संसद (भारत में लोकसभा और राज्यसभा) शामिल है।
  • न्यायपालिका: कानूनों की व्याख्या करती है और न्याय सुनिश्चित करती है।
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संयुक्त राष्ट्र (UN):

  • महासभा: एक मंच जहाँ सभी सदस्य राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं और उनका समाधान करते हैं।
  • सुरक्षा परिषद: अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार, इसके 5 स्थायी सदस्य हैं (यू.एस., यू.के., फ्रांस, रूस, चीन)।

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माइंड मैप्स (Mind Maps)

माइंड मैप्स दृश्य उपकरण हैं जो छात्रों को जानकारी को संरचित तरीके से व्यवस्थित करने में मदद करते हैं। यहां प्रमुख विषयों का त्वरित पुनरीक्षण के लिए दृष्टिगत रूप से कैसे कल्पना कर सकते हैं:

राजनीतिक विचारधाराओं के लिए माइंड मैप:

  • राजनीतिक विचारधाराएँ
    लोकतंत्र
    → चुनाव
    → स्वतंत्रता
    → समानता
    समाजवाद
    → सरकारी नियंत्रण
    → कल्याणकारी राज्य
    साम्यवाद
    → वर्गविहीन समाज
    → सामूहिक स्वामित्व
    पूंजीवाद
    → मुक्त बाजार
    → निजी संपत्ति

भारतीय सरकार की संरचना के लिए माइंड मैप:

  • भारतीय सरकार की संरचना
    कार्यपालिका
    → राष्ट्रपति
    → प्रधानमंत्री
    विधायिका
    → लोकसभा
    → राज्यसभा
    न्यायपालिका
    → सर्वोच्च न्यायालय
    → उच्च न्यायालय

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए माइंड मैप:

  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध
    संयुक्त राष्ट्र
    → सुरक्षा परिषद
    → महासभा
    कूटनीति
    → संधियाँ
    → शांति वार्ता
    वैश्वीकरण
    → व्यापार
    → सांस्कृतिक आदान-प्रदान
    अंतर्राष्ट्रीय संगठन
    → WTO
    → IMF

अध्ययन गाइड्स

अध्ययन गाइड्स आपकी परीक्षा की तैयारी को और भी आसान बनाने के लिए बनाए गए हैं। बीए द्वितीय वर्ष के राजनीति विज्ञान की तैयारी के लिए अध्ययन गाइड्स निम्नलिखित विषयों पर केंद्रित हैं:

  • राजनीतिक संस्थान और उनकी भूमिकाएँ
  • कार्यकारी, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियाँ
  • चुनाव प्रणाली और इसके विभिन्न प्रकार
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प्रैक्टिस क्विज़ (Practice Quizzes)

अपने ज्ञान का परीक्षण करने के लिए ये प्रैक्टिस क्विज़ प्रश्न आज़माएँ:

  1. लोकतंत्र में न्यायपालिका की मुख्य भूमिका क्या है?
    → कानूनों की व्याख्या करना और न्याय सुनिश्चित करना।
  2. संसदीय प्रणाली में राज्य का प्रमुख कौन होता है?
    → राष्ट्रपति या सम्राट, देश के आधार पर।
  3. संघीय और एकात्मक प्रणालियों के बीच क्या अंतर है?
    → संघीय प्रणाली में, सत्ता केंद्र और क्षेत्रीय सरकारों के बीच साझा की जाती है, जबकि एकात्मक प्रणाली में सारी सत्ता केंद्र सरकार में केंद्रित होती है।

 समस्याएँ और उनके समाधान (Sample Problems with Solutions)

यहाँ राजनीति विज्ञान की कुछ समस्याएँ और उनके समाधान दिए गए हैं:

समस्या: संसदीय और राष्ट्रपति प्रणाली में मुख्य अंतर क्या हैं?
समाधान: संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है और विधायिका द्वारा हटाई जा सकती है (जैसे, भारत)। राष्ट्रपति प्रणाली में, कार्यपालिका (राष्ट्रपति) विधायिका से अलग होती है और उसे आसानी से हटाया नहीं जा सकता (जैसे, संयुक्त राज्य अमेरिका)।

समस्या: भारतीय संविधान व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा कैसे करता है?
समाधान: भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, जिसमें समानता का अधिकार, भाषण की स्वतंत्रता और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है। ये अधिकार न्यायालय द्वारा कानून के तहत लागू किए जा सकते हैं।

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शब्दकोश या शब्दावली सूची (Glossaries or Vocabulary Lists)

यहाँ राजनीति विज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों का शब्दकोश है:

  1. सार्वभौमिकता (Sovereignty): निर्णय लेने और व्यवस्था बनाए रखने में अंतिम अधिकार।
  2. द्विसदनीय विधायिका (Bicameral Legislature): एक विधायिका जिसमें दो सदन होते हैं, जैसे भारत में लोकसभा और राज्यसभा।
  3. गणराज्य (Republic): एक प्रणाली जहाँ राज्य प्रमुख का चुनाव किया जाता है, वह वंशानुगत सम्राट नहीं होता।
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