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अकेलेपन का दर्द बयां करती हिंदी शायरी

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तन्हाई का दर्द हर किसी के दिल को छू जाता है। जब इंसान अकेला महसूस करता है, तो दिल से निकले शब्द शायरी का रूप ले लेते हैं। अकेलेपन की यह शायरी आपके दिल को सुकून देगी और आपके जज्बातों को बयां करेगी।

  1. खुद को खो दिया मैंने, तुझे पाने की चाह में,
    अब तन्हाई ही मेरा सच्चा हमसफ़र है।
  2. तन्हा रहना अब आदत सी बन गई है,
    तेरी यादों का खंजर दिल में उतर गई है।
  3. किस्मत से शिकायत क्या करें,
    जो अपना था वही दूर हो गया।
  4. खुद को इतना अकेला पाया,
    जैसे कोई साया भी साथ छोड़ गया।
  5. सन्नाटे में डूबी ये रातें,
    दिल की तन्हाईयों का हाल बता जाती हैं।
  6. तेरी जुदाई ने मुझे तन्हा कर दिया,
    अब हर दर्द मुझसे वफा करता है।
  7. बिना वजह दिल को तड़पाना छोड़ दे,
    मैं पहले ही अकेला हूं, और कितना सताएगा?
  8. दिल का सुकून तो गया,
    अब तन्हाई मेरा हमराज़ है।
  9. खुद से बात करना भी अब अजीब लगता है,
    जबसे तेरा साथ छूटा है।

हर ग़म में मुस्कुराते रहे,
पर तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया।

तन्हाई के इस अंधेरे में,
बस तेरी यादों का दिया जलता है।

खुद को तन्हा पाकर भी,
तेरे इंतज़ार में दिल धड़कता है।

तन्हाई की इस सजा को समझ नहीं पाया,
क्यों मेरी खुशियां खुदा ने छीन लीं?

खुद को भी अब पहचान नहीं पाता,
तन्हाई ने मुझसे मेरा वजूद छीन लिया।

दिल टूटने की आवाज़ सुनाई नहीं देती,
पर असर उसकी गहराई तक जाता है।

कभी सोचा था कि अकेले नहीं रह पाएंगे,
पर अब तन्हाई ही मेरी साथी है।

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तेरा साथ न मिल सका,
अब तन्हाई से ही दिल लगाना पड़ा।

हर सायरा रात को बस तेरा ख्याल आता है,
और तन्हाई मुझे सुला नहीं पाती।

दुनिया के मेले में भी तन्हा हूं,
बस तेरे ख्यालों का कारवां चलता है।

तेरे बिना ये तन्हाई,
एक पल भी चैन से रहने नहीं देती।

दिल तो अकेला था ही,
अब तन्हाई ने पूरी दुनिया से दूर कर दिया।

अब तो आईने से भी डर लगता है,
वहां भी तन्हाई का अक्स नज़र आता है।

तेरे साथ के बिना,
ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।

तन्हाई से लड़ने की आदत सी हो गई है,
अब किसी से शिकायत नहीं होती।

जिंदगी भर का साथ न मिला,
पर तन्हाई ने उम्रभर का रिश्ता निभा लिया।

खुद को खो दिया हमने इस तन्हाई में,
अब दिल को तस्सली देने वाला भी कोई नहीं।

सपनों में तो तेरा साथ मिलता है,
पर हकीकत में तन्हाई ही गले लगती है।

तेरे ख्यालों में खो जाता हूं,
पर तन्हाई मुझे वापस बुला लेती है।

जिंदगी की किताब में,
तन्हाई सबसे बड़ा सबक बनकर आई।

जिसे अपना माना,
वही हमें अकेला छोड़ गया।

सपने टूटने के बाद भी,
तन्हाई मेरे आंसुओं का गवाह बनती है।

दिल की तन्हाई ने मुझे लिखने पर मजबूर कर दिया,
तेरे बिना सब अधूरा है।

जिंदगी में सब कुछ पा लिया,
पर तेरा साथ खो दिया।

हर पल तुझसे बात करने की चाह रहती है,
पर तन्हाई मुझसे कुछ कहती नहीं।

दिल के जख्म इतने गहरे हैं,
कि तन्हाई ही मरहम बन गई है।

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कभी सोचा था तन्हाई डराती है,
पर अब वही सहारा देती है।

दुनिया से कुछ कहने का मन नहीं करता,
तन्हाई ही अब मेरी हमराज़ है।

तेरे ख्यालों में दिन गुजार देता हूं,
और रातें तन्हाई के हवाले।

जिंदगी में तन्हाई का दौर आया,
तो याद आया कि कोई अपना कभी दूर गया।

खुदा से अब कुछ नहीं मांगता,
क्योंकि तन्हाई ने सबकुछ सिखा दिया।

तेरे बिना ये दिल अधूरा है,
और तन्हाई इसका साथी।

मुस्कान के पीछे की तन्हाई,
कोई समझ नहीं पाता।

दर्द तो दिल में पहले से था,
तन्हाई ने बस इसे और गहरा कर दिया।

तेरे बिना तन्हा रहना सीख लिया है,
पर इस दर्द को सहना मुश्किल है।

खुद को संभाल नहीं पाता,
जब तन्हाई गले लगाती है।

तेरे बिना जो जिंदगी है,
उसे तन्हाई कहते हैं।

दिल की तन्हाई को कोई पढ़ नहीं पाता,
पर ये आंसुओं से छलक जाती है।

तेरे बिना हर खुशी अधूरी है,
और तन्हाई ने मुझे संभाल लिया है।

खुद से भी अब बातें नहीं करता,
तन्हाई ही सब कुछ कह देती है।

हर बार तन्हाई से बचने की कोशिश करता हूं,
पर ये दिल तुझे याद कर ही लेता है।