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Akelapan Shayari In Hindi

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अकेलापन एक ऐसा अनुभव है, जो जीवन के किसी भी पल में आ सकता है। यह तब महसूस होता है जब हमारे पास कोई नहीं होता जो हमारी भावनाओं को समझ सके। अकेलापन शायरी दिल के दर्द को बयां करने का सबसे अच्छा तरीका है। यहां कुछ बेहतरीन शायरियाँ दी जा रही हैं जो आपके अकेलेपन के दर्द को शब्दों में पिरोती हैं।

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  • दिल की बातें दिल में रह जाती हैं,
    कोई सुनने वाला नहीं होता,
    यूँही तन्हा रात गुज़र जाती है,
    जब दिल में दर्द छुपा होता।
  • साथ होते तो शायद बात कुछ और होती,
    अब तो बस तन्हाई में रातें गुज़रती हैं,
    दिल में दर्द और आँखों में अश्क़,
    यही है अब मेरी ज़िन्दगी की हकीकत।
  • कहने को तो बहुत कुछ है,
    पर अब सुनने वाला कोई नहीं,
    इस तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया,
    बस रह गई हैं कुछ यादें और मैं।
  • तन्हा हूँ मैं इस दुनिया में,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस अकेलापन ही साथी है मेरा,
    और यादें जो दिल को चीर जाती हैं।
  • रातें लंबी हैं, तन्हाई और भी लंबी,
    कोई अपना नहीं, सब दूर हैं,
    बस खुद से बातें करने की आदत,
    और ये दिल का दर्द जो हर दिन बढ़ता है।
  • वो जो कहते थे, हम हमेशा साथ रहेंगे,
    आज वो कहीं नहीं, सिर्फ तन्हाई है,
    दिल की धड़कन भी अब सुनाई नहीं देती,
    जैसे सब कुछ ठहर सा गया है।
  • तन्हा बैठा हूँ इस दुनिया से दूर,
    कोई साथी नहीं, कोई हमसफर नहीं,
    बस दिल का दर्द और ये यादें,
    जो हर पल मेरी आंखों में आंसू लाती हैं।
  • दूरियाँ बढ़ गईं हैं, दिल भी दूर हो गया,
    अब न कोई अपना है, न कोई पास,
    बस ये तन्हाई जो मुझे जीने नहीं देती,
    और वो यादें जो हर पल तड़पाती हैं।
  • शोर बहुत है दुनिया में,
    पर मेरे दिल में बस सन्नाटा है,
    कोई समझने वाला नहीं, कोई साथ नहीं,
    इस तन्हाई ने मेरी ज़िन्दगी को वीरान कर दिया है।
  • आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ,
    पर ये दिल का दर्द कैसे छिपाऊं,
    कोई नहीं जो मेरी तन्हाई को समझे,
    बस अकेलापन और मैं रह गए हैं साथ।
  • दिल की बातें दिल में रह जाती हैं,
    कोई सुनने वाला नहीं होता,
    यूँही तन्हा रात गुज़र जाती है,
    जब दिल में दर्द छुपा होता।
  • साथ होते तो शायद बात कुछ और होती,
    अब तो बस तन्हाई में रातें गुज़रती हैं,
    दिल में दर्द और आँखों में अश्क़,
    यही है अब मेरी ज़िन्दगी की हकीकत।
  • कहने को तो बहुत कुछ है,
    पर अब सुनने वाला कोई नहीं,
    इस तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया,
    बस रह गई हैं कुछ यादें और मैं।
  • तन्हा हूँ मैं इस दुनिया में,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस अकेलापन ही साथी है मेरा,
    और यादें जो दिल को चीर जाती हैं।
  • रातें लंबी हैं, तन्हाई और भी लंबी,
    कोई अपना नहीं, सब दूर हैं,
    बस खुद से बातें करने की आदत,
    और ये दिल का दर्द जो हर दिन बढ़ता है।
  • वो जो कहते थे, हम हमेशा साथ रहेंगे,
    आज वो कहीं नहीं, सिर्फ तन्हाई है,
    दिल की धड़कन भी अब सुनाई नहीं देती,
    जैसे सब कुछ ठहर सा गया है।
  • तन्हा बैठा हूँ इस दुनिया से दूर,
    कोई साथी नहीं, कोई हमसफर नहीं,
    बस दिल का दर्द और ये यादें,
    जो हर पल मेरी आंखों में आंसू लाती हैं।
  • दूरियाँ बढ़ गईं हैं, दिल भी दूर हो गया,
    अब न कोई अपना है, न कोई पास,
    बस ये तन्हाई जो मुझे जीने नहीं देती,
    और वो यादें जो हर पल तड़पाती हैं।
  • शोर बहुत है दुनिया में,
    पर मेरे दिल में बस सन्नाटा है,
    कोई समझने वाला नहीं, कोई साथ नहीं,
    इस तन्हाई ने मेरी ज़िन्दगी को वीरान कर दिया है।
  • आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ,
    पर ये दिल का दर्द कैसे छिपाऊं,
    कोई नहीं जो मेरी तन्हाई को समझे,
    बस अकेलापन और मैं रह गए हैं साथ।

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  • ज़िन्दगी की राहों में हम तन्हा रह गए,
    कोई अपना नहीं, कोई साथ नहीं,
    इस दिल में दर्द है और आँखों में आंसू,
    अब बस तन्हाई ही हमारी साथी है।
  • हर तरफ तन्हाई का आलम है,
    कोई पास नहीं, सब दूर-दूर हैं,
    इस दिल में अब बस खालीपन है,
    जैसे ज़िन्दगी से खुशियाँ खो गई हों।
  • कभी किसी ने दिल से पूछा नहीं,
    ये तन्हाई क्यों मेरे दिल में बस गई,
    हर शख्स अपने में मशरूफ है,
    और मैं इस तन्हाई में घिरा हूँ।
  • तन्हाई भी एक अजीब खेल खेलती है,
    जब कोई पास होता है, तो हम खुद में होते हैं,
    और जब अकेले होते हैं, तब उसे याद करते हैं,
    जो कभी पास था और अब दूर हो गया।
  • दिल में जो दर्द है, उसे बयां कैसे करें,
    कोई समझने वाला नहीं, कोई सुनने वाला नहीं,
    इस तन्हाई ने मुझे कहीं खो दिया है,
    जैसे ज़िन्दगी में अब कोई रंग नहीं।
  • यादें भी अब साथ नहीं देती,
    सब कुछ फीका सा लगता है,
    इस तन्हाई ने मेरी ज़िन्दगी को ऐसा बदला,
    कि मैं खुद को भी नहीं पहचान पाता हूँ।
  • तन्हाई में दिल का हाल पूछता हूँ,
    पर कोई जवाब नहीं मिलता,
    बस ये खामोश रात और मेरा दिल,
    दोनों ही अब अनजान से हो गए हैं।
  • ज़िन्दगी अब एक तन्हा सफर बन गई है,
    कोई मंजिल नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस मैं और मेरी तन्हाई,
    जो हर पल मुझे अंदर से तोड़ती है।
  • दिल का हाल कोई नहीं समझता,
    तन्हाई में अब बस ये आंसू हैं,
    जो मेरी आँखों में हर पल छलकते हैं,
    और ये दर्द जो मुझे कभी चैन नहीं लेने देता।
  • हर तरफ से तन्हाई का साया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी तन्हाई,
    जो मुझे हर दिन कमजोर कर रही है।
  • तन्हाई में दिल की धड़कन सुनता हूँ,
    जैसे वो भी अब थक गई हो,
    कोई समझने वाला नहीं,
    और मैं बस इस तन्हाई में खो गया हूँ।
  • दिल को अब किसी का इंतज़ार नहीं,
    तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया है,
    अब बस खुद से बातें करता हूँ,
    और इस दिल के दर्द को समझने की कोशिश करता हूँ।
  • रातें तन्हाई में कटती हैं,
    दिन भी अब वीरान से लगते हैं,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस ये तन्हाई जो मुझे हर दिन और अकेला कर देती है।
  • दिल की तन्हाई को अब कोई समझ नहीं सकता,
    सब अपने में मशरूफ हैं,
    और मैं इस दिल के दर्द में अकेला हूँ,
    जैसे इस दुनिया में कोई भी मेरा नहीं।
  • तन्हाई का आलम अब कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • अकेलेपन में जीना अब मेरी आदत बन गई है,
    कोई पास नहीं, कोई अपना नहीं,
    दिल के इस दर्द को अब कोई महसूस नहीं कर सकता,
    और मैं बस तन्हाई में खो गया हूँ।
  • यादें भी अब तन्हाई का हिस्सा बन गई हैं,
    हर पल उन्हें सोचकर दिल टूटता है,
    कोई अपना नहीं जो समझ सके,
    और मैं बस इस तन्हाई में घुटता जा रहा हूँ।
  • दिल की तन्हाई को कोई समझ नहीं पाता,
    सब अपनी ही दुनिया में खोए हुए हैं,
    और मैं इस दिल के दर्द को बयां नहीं कर सकता,
    बस तन्हाई ने मुझे अपना बना लिया है।
  • तन्हाई का आलम अब कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • दिल की बातें अब किसी से नहीं कहता,
    तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल भी अब किसी को समझाना नहीं चाहता,
    बस खुद से बातें करता हूँ और रोता हूँ।
  • वो जो मेरे दिल के सबसे करीब थे,
    आज वो मुझसे बहुत दूर हैं,
    बस तन्हाई का साथ है और ये दर्द,
    जो अब हर पल मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा है।
  • दिल की तन्हाई को कोई नहीं समझ सकता,
    सब अपने में खोए हुए हैं,
    और मैं इस दर्द को दिल में दबाए बैठा हूँ,
    जैसे अब ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं बचा।
  • आँसू आँखों में हैं, पर कोई देखने वाला नहीं,
    दिल का दर्द कोई समझने वाला नहीं,
    बस तन्हाई है जो अब मेरी ज़िन्दगी में रह गई है,
    और मैं खुद से ही बातें करता हूँ।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल भी अब किसी से शिकायत नहीं करता,
    बस खामोशी से इस दर्द को सह रहा है,
    जैसे अब कोई उम्मीद बाकी नहीं।
  • दिल अब किसी का इंतज़ार नहीं करता,
    तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया है,
    अब बस खुद से बातें करता हूँ,
    और इस दिल के दर्द को समझने की कोशिश करता हूँ।
  • रातें तन्हाई में गुज़रती हैं,
    दिन भी अब वीरान से लगते हैं,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस ये तन्हाई जो मुझे हर दिन और अकेला कर देती है।
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  • तन्हाई ने अब मुझे अपना बना लिया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी खामोशी,
    जो हर पल मुझे तोड़ती जाती है।
  • दिल का दर्द कोई नहीं समझता,
    सब अपने में खोए हुए हैं,
    और मैं इस तन्हाई के साथ हर दिन जी रहा हूँ,
    जैसे अब कोई उम्मीद बाकी नहीं रही।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा है,
    कि दिल भी अब किसी से नहीं कहता,
    बस ये खामोश रातें और दिल का दर्द,
    जो हर पल मुझे और भी तन्हा कर देता है।
  • यादें भी अब तन्हाई का हिस्सा बन गई हैं,
    हर पल उन्हें सोचकर दिल टूटता है,
    कोई अपना नहीं जो समझ सके,
    और मैं बस इस तन्हाई में घुटता जा रहा हूँ।
  • तन्हाई का असर कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल भी अब किसी से शिकायत नहीं करता,
    बस खामोशी से इस दर्द को सह रहा है,
    जैसे अब कोई उम्मीद बाकी नहीं।
  • दिल अब किसी का इंतज़ार नहीं करता,
    तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया है,
    अब बस खुद से बातें करता हूँ,
    और इस दिल के दर्द को समझने की कोशिश करता हूँ।
  • रातें तन्हाई में गुज़रती हैं,
    दिन भी अब वीरान से लगते हैं,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस ये तन्हाई जो मुझे हर दिन और अकेला कर देती है।
  • दिल की तन्हाई को कोई नहीं समझ सकता,
    सब अपनी ही दुनिया में मशरूफ हैं,
    और मैं इस दिल के दर्द को बयां नहीं कर सकता,
    बस तन्हाई ने मुझे अपना बना लिया है।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • तन्हाई में दिल का हाल पूछता हूँ,
    पर कोई जवाब नहीं मिलता,
    बस ये खामोश रात और मेरा दिल,
    दोनों ही अब अनजान से हो गए हैं।
  • तन्हाई का असर अब दिल पर छा गया है,
    कोई अपना नहीं जो इस दर्द को समझ सके,
    बस खुद से बातें करता हूँ,
    और ये खामोशी दिल को और भी कमजोर कर देती है।
  • ज़िन्दगी अब एक तन्हा सफर बन गई है,
    कोई मंजिल नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस मैं और मेरी तन्हाई,
    जो हर पल मुझे अंदर से तोड़ती है।
  • दिल का हाल कोई नहीं समझता,
    तन्हाई में अब बस ये आंसू हैं,
    जो मेरी आँखों में हर पल छलकते हैं,
    और ये दर्द जो मुझे कभी चैन नहीं लेने देता।
  • हर तरफ से तन्हाई का साया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी तन्हाई,
    जो मुझे हर दिन कमजोर कर रही है।
  • तन्हाई में दिल की धड़कन सुनता हूँ,
    जैसे वो भी अब थक गई हो,
    कोई समझने वाला नहीं,
    और मैं बस इस तन्हाई में खो गया हूँ।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • दिल की तन्हाई को कोई नहीं समझ सकता,
    सब अपने में मशरूफ हैं,
    और मैं इस दर्द को दिल में दबाए बैठा हूँ,
    जैसे अब ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं बचा।
  • दिल की तन्हाई को अब कोई समझ नहीं सकता,
    सब अपनी ही दुनिया में खोए हुए हैं,
    और मैं इस दिल के दर्द को बयां नहीं कर सकता,
    बस तन्हाई ने मुझे अपना बना लिया है।
  • आँखों में आंसू हैं, पर किसी को नज़र नहीं आते,
    तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया,
    अब बस खुद से बातें करता हूँ,
    और इस दिल के दर्द को समझने की कोशिश करता हूँ।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • दिल की तन्हाई अब मुझे और नहीं सताती,
    मैं खुद इस दर्द को अपना मान चुका हूँ,
    और अब कोई शिकायत नहीं रही,
    बस खामोशियों में घिरा रहता हूँ।
  • कभी किसी ने पूछा नहीं कि ये तन्हाई कैसी है,
    दिल में जो दर्द छुपा है, वो किसी ने देखा नहीं,
    बस हर दिन इस तन्हाई में जी रहा हूँ,
    जैसे अब ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं बचा।
  • तन्हाई ने अब मुझे अपना बना लिया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी खामोशी,
    जो हर पल मुझे तोड़ती जाती है।
  • इस तन्हाई ने मुझसे सब कुछ छीन लिया,
    दिल की धड़कन भी अब धीमी हो गई है,
    और इस दुनिया में मैं खुद को अकेला महसूस करता हूँ।
  • वो जो मेरे दिल के सबसे करीब थे,
    आज वो मुझसे बहुत दूर हैं,
    बस तन्हाई का साथ है और ये दर्द,
    जो अब हर पल मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा है।
  • दिल की तन्हाई को अब कोई समझ नहीं सकता,
    सब अपने में खोए हुए हैं,
    और मैं इस दर्द को दिल में दबाए बैठा हूँ,
    जैसे अब ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं बचा।
  • आँसू आँखों में हैं, पर कोई देखने वाला नहीं,
    दिल का दर्द कोई समझने वाला नहीं,
    बस तन्हाई है जो अब मेरी ज़िन्दगी में रह गई है।
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  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल भी अब किसी से शिकायत नहीं करता,
    बस खामोशी से इस दर्द को सह रहा है,
    जैसे अब कोई उम्मीद बाकी नहीं।
  • दिल अब किसी का इंतज़ार नहीं करता,
    तन्हाई ने सब कुछ छीन लिया है,
    अब बस खुद से बातें करता हूँ,
    और इस दिल के दर्द को समझने की कोशिश करता हूँ।
  • रातें तन्हाई में गुज़रती हैं,
    दिन भी अब वीरान से लगते हैं,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस ये तन्हाई जो मुझे हर दिन और अकेला कर देती है।
  • तन्हाई का असर कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल भी अब किसी से शिकायत नहीं करता,
    बस खामोशी से इस दर्द को सह रहा है।
  • तन्हाई में दिल की धड़कन सुनता हूँ,
    जैसे वो भी अब थक गई हो,
    कोई समझने वाला नहीं,
    और मैं बस इस तन्हाई में खो गया हूँ।
  • तन्हाई का आलम कुछ ऐसा हो गया है,
    कि दिल की आवाज भी सुनाई नहीं देती,
    कोई नहीं जो समझ सके इस दर्द को,
    और मैं बस हर पल टूटता जा रहा हूँ।
  • तन्हाई अब मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुकी है,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस मैं और मेरा दर्द,
    जो अब हर पल मेरे साथ रहता है।
  • दिल का दर्द कोई नहीं समझ सकता,
    सब अपने में खोए हुए हैं,
    और मैं इस तन्हाई में जीने की कोशिश कर रहा हूँ।
  • यादों का सहारा अब तन्हाई में भी नहीं मिलता,
    कोई अपना नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस ये दिल और उसकी तन्हाई,
    जो हर पल मुझे और भी कमजोर कर रही है।
  • तन्हाई का असर अब दिल पर छा गया है,
    कोई अपना नहीं जो इस दर्द को समझ सके,
    बस खुद से बातें करता हूँ,
    और ये खामोशी दिल को और भी कमजोर कर देती है।
  • ज़िन्दगी अब एक तन्हा सफर बन गई है,
    कोई मंजिल नहीं, कोई साथी नहीं,
    बस मैं और मेरी तन्हाई,
    जो हर पल मुझे अंदर से तोड़ती है।
  • दिल का हाल कोई नहीं समझता,
    तन्हाई में अब बस ये आंसू हैं,
    जो मेरी आँखों में हर पल छलकते हैं,
    और ये दर्द जो मुझे कभी चैन नहीं लेने देता।
  • हर तरफ से तन्हाई का साया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी तन्हाई,
    जो मुझे हर दिन कमजोर कर रही है।
  • तन्हाई ने अब मुझे अपना बना लिया है,
    कोई अपना नहीं, कोई पास नहीं,
    बस ये दिल और उसकी खामोशी,
    जो हर पल मुझे तोड़ती जाती है।
  • दिल की तन्हाई को अब कोई समझ नहीं सकता,
    सब अपनी ही दुनिया में खोए हुए हैं,
    और मैं इस दिल के दर्द को बयां नहीं कर सकता,
    बस तन्हाई ने मुझे अपना बना लिया है।

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