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Ya Nabi Salam Alayka Lyrics Hindi

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“या नबी सलाम अलैक” एक अत्यंत आध्यात्मिक और प्रिय इस्लामिक भजन है, जो हज़रत मुहम्मद (PBUH) के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करता है। यह भजन मुसलमानों द्वारा दुनियाभर में पढ़ा जाता है ताकि वे नबी की उपस्थिति और उनकी रहमत से जुड़ सकें। इसके बोल शांति, आनंद और भक्ति का भाव लाते हैं। इस लेख में, हम “या नबी सलाम अलैक” के पूरे बोल हिंदी और हिंग्लिश दोनों में जानेंगे, साथ ही इस खूबसूरत भजन से जुड़ी अन्य जानकारी पर भी चर्चा करेंगे।

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Full “Ya Nabi Salam Alayka” Lyrics in Hindi

या नबी सलाम अलैक
या रसूल सलाम अलैक
या हबीब सलाम अलैक
सलवातुल्लाह अलैक

तेरी रहमतों का है बासेरा
हर दिली मुराद है पाएगा
या नबी सलाम अलैक
या रसूल सलाम अलैक

या नबी सलाम अलैक
या रसूल सलाम अलैक
या हबीब सलाम अलैक
सलवातुल्लाह अलैक

ज़मीन ओ ज़मान तुमहरे लिए
मक़ाम ओ मक़ीन तुमहरे लिए
या नबी सलाम अलैक
या रसूल सलाम अलैक
या हबीब सलाम अलैक
सलवातुल्लाह अलैक

तेरे दर से जो भी आया यहाँ
वो कभी भी खाली ना जाएगा
या नबी सलाम अलैक
या रसूल सलाम अलैक
या हबीब सलाम अलैक
सलवातुल्लाह अलैक

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Full “Ya Nabi Salam Alayka” Lyrics in Hinglish

Ya Nabi Salam Alayka
Ya Rasool Salam Alayka
Ya Habib Salam Alayka
Salawatullah Alayka

Teri Rehmaton Ka Hai Basera
Har Dili Murad Hai Paayega
Ya Nabi Salam Alayka
Ya Rasool Salam Alayka

Ya Nabi Salam Alayka
Ya Rasool Salam Alayka
Ya Habib Salam Alayka
Salawatullah Alayka

Zameen O Zaman Tumhare Liye
Maqaam O Maqeen Tumhare Liye
Ya Nabi Salam Alayka
Ya Rasool Salam Alayka
Ya Habib Salam Alayka
Salawatullah Alayka

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Tere Dar Se Jo Bhi Aaya Yahaan
Woh Kabhi Bhi Khaali Na Jayega
Ya Nabi Salam Alayka
Ya Rasool Salam Alayka
Ya Habib Salam Alayka
Salawatullah Alayka


3.1. How to Chant 

“Ya Nabi Salam Alayka” को chant करने का तरीका बहुत सरल है। इस नात को आप किसी भी शांत जगह में बैठकर धीरे-धीरे या मन ही मन बोल सकते हैं। सबसे पहले आपको आराम से बैठना चाहिए, दिल को साफ और ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। चांटिंग के दौरान अपने दिल की गहराई से रसूल अल्लाह (PBUH) की याद में इस नात को गाना चाहिए। यह चांट मन की शांति और सुकून देने वाला होता है, इसलिए इसे बड़ी श्रद्धा और सादगी के साथ गाना चाहिए। हर लाइन को धीरे-धीरे बोलें, ताकि इसका हर शब्द आपके दिल में उतर सके। चांट करते समय, आपको अल्लाह और उनके रसूल से दुआ मांगनी चाहिए कि वो आपके दिल और जीवन में रहमतों की बारिश करें।

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You can chant these verses alone or in a group. When chanting in a group, it is best to synchronize the rhythm and tone, ensuring that everyone chants together harmoniously. Chanting “Ya Nabi Salam Alayka” is believed to invoke peace and blessings from Prophet Muhammad (PBUH), and it is a great way to feel connected with your faith.


3.2. When to Chant 

“Ya Nabi Salam Alayka” को किसी भी समय chant किया जा सकता है। हालांकि, इसे विशेष धार्मिक अवसरों, मिलाद, या ईद के मौके पर भी गाने की परंपरा रही है। इन मौकों पर नात गाने से वातावरण में आध्यात्मिकता और शांति का संचार होता है।

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सुबह के समय, फजर की नमाज़ के बाद इसे चांट करना बहुत लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह दिन की शुरुआत को पवित्र और शांति से भर देता है। रात के समय, इशा की नमाज़ के बाद इसे गाने से दिनभर की थकान मिटती है और मन को आराम मिलता है।

You can also chant this naat during moments of personal reflection or prayer, especially when you are seeking guidance or blessings from the Prophet. Chanting it during gatherings or special religious events adds to the collective spiritual energy, creating a peaceful and reflective atmosphere. Regardless of the time, whenever this naat is chanted, it brings peace and tranquility to the heart.


3.3. What is the Best Time to Chant 

“Ya Nabi Salam Alayka” को गाने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब आप शांति और ध्यान की अवस्था में होते हैं। धार्मिक रूप से, सुबह का समय फजर की नमाज़ के बाद इसे चांट करने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। उस समय वातावरण शांत और पवित्र होता है, जो ध्यान और चांटिंग के लिए अनुकूल है।

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शाम के समय इशा की नमाज़ के बाद भी इसे चांट करने का एक अच्छा समय है। जब दिन का शोरगुल कम हो जाता है, तब यह नात गाने से मन को शांति मिलती है और सोने से पहले दिल को सुकून मिलता है।

It is also ideal to chant this naat during spiritual gatherings or religious celebrations such as Milad-un-Nabi. The collective recitation enhances the spiritual experience, and everyone present can feel the blessings and peace.

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3.4. Process to Chant 

“Ya Nabi Salam Alayka” को chant करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। सबसे पहले, आपको एक शांत और पवित्र स्थान ढूंढना चाहिए जहाँ कोई व्यवधान न हो। एक बार आराम से बैठ जाने के बाद, गहरी सांस लें और अपने मन को शांत करें।

अब धीरे-धीरे नात के शब्दों को बोलना शुरू करें। हर शब्द को ध्यान से उच्चारित करें और दिल से महसूस करें। आप इसे अकेले या समूह में गा सकते हैं। अगर समूह में गा रहे हैं, तो सभी लोगों का स्वर एक जैसा होना चाहिए ताकि सब एक साथ गा सकें।

During the chanting, you can close your eyes and focus on the love and blessings of the Prophet. Allow each word to fill your heart with devotion. It is not just the words but the intention behind the chant that brings spiritual peace.


3.5. Benefit of Chanting 

“Ya Nabi Salam Alayka” के चांटिंग के कई लाभ हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे आपके दिल और दिमाग को शांति मिलती है। इस नात को गाने से मन में सुकून आता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह चांट मन को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत करता है।

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Chanting “Ya Nabi Salam Alayka” also helps in creating a deep connection with Prophet Muhammad (PBUH), allowing the reciter to feel his blessings and presence. Regular chanting can also promote emotional healing, helping you let go of stress and negativity.


3.6. History of “Ya Nabi Salam Alayka”

“Ya Nabi Salam Alayka” का इतिहास इस्लामिक परंपरा में बहुत पुराना और महत्वपूर्ण है। यह नात हज़रत मुहम्मद (PBUH) की तारीफ और उनके प्रति आदर व्यक्त करने के लिए गाया जाता है। इस नात का उपयोग दुनियाभर के मुसलमानों द्वारा धार्मिक अवसरों पर किया जाता है।

This naat has been sung in various cultures and languages, but the core message remains the same – to honor and seek blessings from the Prophet. Over time, it has become a popular part of Islamic traditions, especially during celebrations like Milad-un-Nabi.

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Clothes for Chanting

“Ya Nabi Salam Alayka” गाने के दौरान आप साफ और पवित्र कपड़े पहनें। सफेद कपड़े, जो इस्लामिक संस्कृति में पवित्रता का प्रतीक माने जाते हैं, इस मौके के लिए सबसे उचित होते हैं। विशेष अवसरों पर, पुरुष कुर्ता-पायजामा या शेरवानी पहन सकते हैं, जबकि महिलाएँ सादे और पवित्र कपड़े पहन सकती हैं।


FAQs

Q1: “Ya Nabi Salam Alayka” कब चांट करें?
A1: इसे किसी भी समय चांट कर सकते हैं, लेकिन सुबह और रात के समय चांट करना सबसे अच्छा माना जाता है।

Q2: इस नात का क्या लाभ है?
A2: यह नात मन को शांति, सुकून और सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। यह हमारे दिल को आध्यात्मिक रूप से मजबूत करती है।

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