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Shiv Ji Bhajan Lyrics from Top Shiv Ji Ke Bhajans

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शिव जी भजन भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भगवान शिव, जिन्हें महादेव के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। शिव जी के भजन उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और उनके विभिन्न रूपों, गुणों, और शक्तियों का वर्णन करते हैं। शिव जी भजन भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं और अक्सर महाशिवरात्रि, सावन, और अन्य विशेष अवसरों पर गाए जाते हैं।

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Top 5 shiv ji ke bhajan lyrics in Hindi

1. शिव तांडव स्तोत्र

यह भजन भगवान शिव के रौद्र रूप का वर्णन करता है।

Lyrics: जटाटवी-गलज्जल-प्रवाह-पावित-स्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंग-तुंग-मालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चंड-तांडवं तनोतु नः शिवः शिवम्॥

जटा-कटा-हसंभ्रम-भ्रमन्निलिम्प-निर्झरी
विलोलवीचिवल्लरी-विराजमान-मूर्धनि।
धगद्धगद्धगज्जलल्ललाट-पट्ट-पावके
किशोरचंद्र-शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥

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2. ॐ नमः शिवाय

यह भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय मंत्रों में से एक है।

Lyrics: ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले, नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
हर हर भोले, नमः शिवाय

शिव शंकर के चरणों में, अपना शीश झुकाते हैं
शिव शंकर से प्यारा और, कोई नाम न आते हैं।
हर हर भोले, नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

3. भोले के दीवाने

यह भजन भगवान शिव के भक्तों की भक्ति को दर्शाता है।

Lyrics: भोले के दीवाने हैं, दीवानों से क्या पूछे
भोले की शिव नगरी में, दिल वालों से क्या पूछे।

भोलेनाथ तेरी महिमा गाते हैं सब दीवाने
भोलेनाथ तेरी महिमा गाते हैं सब दीवाने
तू तो अनाड़ी भोला, सबसे न्यारा।
भोलेनाथ तेरी महिमा गाते हैं सब दीवाने
भोले के दीवाने हैं, दीवानों से क्या पूछे।

4. कर्पूरगौरं करुणावतारं

यह भगवान शिव की स्तुति का सरल और मधुर भजन है।

Lyrics: कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवम भवानी सहितं नमामि॥

कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवम भवानी सहितं नमामि॥

5. शिव शंकर को जिसने पूजा

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यह भजन शिव भक्तों में विशेष रूप से लोकप्रिय है।

Lyrics: शिव शंकर को जिसने पूजा, उसका ही उद्धार हुआ
अंतकाल को भवसागर में, उसका बेड़ा पार हुआ।

जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।

दैवीय भक्ति: प्रमुख शिव जी भजनों का सार और महत्व

1. शिव तांडव स्तोत्र

यह स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित सबसे शक्तिशाली और गहन स्तोत्रों में से एक है। यह भगवान शिव के तांडव नृत्य का वर्णन करता है, जिसे शिव संसार के संतुलन को बनाए रखने के लिए करते हैं। इसके श्लोक काव्यात्मक सौंदर्य से भरपूर हैं, जिनमें भगवान शिव के दिव्य रूप का वर्णन किया गया है, जैसे उनकी जटाओं से गंगा का प्रवाह, उनके गले में लटकी हुई नागों की माला और उनके मस्तक पर अर्धचंद्र। यह शिव के शक्तिशाली, विनाशकारी और रूपांतरणकारी पहलुओं को दर्शाता है, जो सृष्टि के रचयिता और संहारक दोनों माने जाते हैं। यह स्तोत्र शिव की महानता, निर्भयता और उनके सर्वोच्च देवता होने के महत्व को रेखांकित करता है।

अर्थ: इस स्तोत्र के श्लोक शिव के भौतिक रूप और उनके दिव्य तांडव नृत्य की प्रशंसा करते हैं। प्रत्येक श्लोक उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करता है—उनकी उग्रता, समय पर नियंत्रण, और सांसारिक मामलों के प्रति उदासीनता। यह भजन शिव के शाश्वत स्वरूप और सृष्टि के निर्माण और संहार के चक्रों को बनाए रखने में उनकी भूमिका को दर्शाता है।

2. ॐ नमः शिवाय

यह भगवान शिव से संबंधित सबसे लोकप्रिय और सरल मंत्रों में से एक है। “ॐ नमः शिवाय” का अर्थ है “मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ,” जहां “ॐ” ब्रह्मांडीय ध्वनि या कंपन का प्रतीक है और “शिव” शुभता का प्रतीक है। यह एक शांतिपूर्ण और गहन आध्यात्मिक मंत्र है, जिसे ध्यान और भक्ति में आंतरिक शांति प्राप्त करने और भगवान से जुड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

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अर्थ: यह मंत्र शिव की सर्वोच्च शक्ति के प्रति समर्पण की घोषणा है। यह मंत्र आंतरिक शांति और भक्ति की भावना उत्पन्न करता है, क्योंकि भक्त इन शब्दों को बार-बार गाकर शिव की महानता का सम्मान करते हैं। इसे मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए माना जाता है, जो भक्त को आत्म-साक्षात्कार और दिव्य चेतना के करीब लाता है।

3. भोले के दीवाने

यह भजन भगवान शिव के प्रति भक्तों की सरलता, भक्ति और शुद्ध प्रेम पर जोर देता है। शिव को “भोला” कहा जाता है, जिसका अर्थ है मासूम या सरल। इस भजन में शिव और उनके भक्तों के बीच गहरे संबंध का वर्णन किया गया है, जो बिना किसी भौतिक इनाम की चिंता किए भगवान शिव का अनुसरण करते हैं। शिव को ऐसा देवता माना जाता है जो सच्ची भक्ति और सरलता से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

अर्थ: यह भजन संकेत देता है कि जो लोग भगवान शिव के प्रति समर्पित होते हैं, उन्हें सांसारिक चिंताओं की कोई आवश्यकता नहीं होती। शिव, अपने सरल और सुलभ रूप में, अपने भक्तों का गहरा ख्याल रखते हैं। यह भजन यह भी दर्शाता है कि सच्ची भक्ति सांसारिक जटिलताओं से ऊपर उठकर भक्त को सीधे भगवान से जोड़ती है।

4. कर्पूरगौरं करुणावतारं

यह छोटा और मधुर भजन भगवान शिव की करुणा और अनुग्रह का आह्वान करता है। इस भजन में शिव की प्रशंसा की जाती है, जो कर्पूर (कपूर) के समान सफेद हैं, जो शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है। इसमें उन्हें करुणा के अवतार (“करुणावतारं”) के रूप में भी संबोधित किया गया है, जो यह दर्शाता है कि उनकी विनाशकारी शक्तियों के बावजूद, वे प्रेम और दया से भरपूर हैं। उन्हें ब्रह्मांड की आत्मा के रूप में दर्शाया गया है, जो सर्पों से सुशोभित हैं और अपने भक्तों के हृदय में सदा निवास करते हैं।

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अर्थ: यह भजन शिव की करुणा, शुद्धता और देवी पार्वती के साथ उनके एकात्मता पर केंद्रित है। यह एक शांतिपूर्ण और सुकूनदायक भजन है, जो शिव के रक्षक और पोषक रूप को मान्यता देता है। भक्त इस भजन के माध्यम से अज्ञानता और कष्टों को दूर करने और ज्ञान की ओर अग्रसर होने के लिए शिव से आशीर्वाद मांगते हैं।

5. शिव शंकर को जिसने पूजा

यह भजन भगवान शिव की पूजा के महत्व और शक्ति पर जोर देता है, विशेष रूप से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त करने के संदर्भ में। यह भजन बताता है कि जो लोग भगवान शिव की भक्ति के साथ पूजा करते हैं, वे जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। इस भजन में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति का भी उल्लेख किया गया है, जहां शिव को संहारक के रूप में दिखाया गया है, जो अज्ञान और आसक्तियों को नष्ट करके भक्त को मोक्ष की ओर ले जाते हैं।

अर्थ: यह भजन इस विश्वास को दोहराता है कि भगवान शिव की भक्ति सांसारिक कष्टों से मुक्ति और उद्धार सुनिश्चित करती है। शिव की पूजा, जो सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं, आत्मा की शुद्धि और अंतिम मोक्ष की ओर ले जाती है। यह भजन अक्सर भक्तों द्वारा गाया जाता है ताकि यह स्मरण रहे कि आध्यात्मिक समर्पण से दैवीय अनुग्रह और सुरक्षा प्राप्त होती है।