HomeInformation

Know All Balak Shabd Roop in Sanskrit

Like Tweet Pin it Share Share Email

बालक शब्द संस्कृत व्याकरण का एक महत्वपूर्ण भाग है। संस्कृत भाषा में संज्ञा के विभक्तियों के रूपों का अध्ययन करना आवश्यक होता है, क्योंकि यह भाषा के आधारभूत संरचना को समझने में मदद करता है। इस लेख में, हम बालक शब्द के विभक्तियों के रूपों का विस्तृत अध्ययन करेंगे।

Advertisements



बालक शब्द का अर्थ होता है ‘लड़का’ या ‘बालक’। यह शब्द पुल्लिंग संज्ञा है। संस्कृत में संज्ञा शब्द के विभिन्न रूप होते हैं जो विभक्तियों के आधार पर बदलते हैं। बालक शब्द के विभक्तियों के रूपों को समझना संस्कृत व्याकरण को समझने का एक महत्वपूर्ण भाग है।

बालक शब्द के विभक्तियों के रूप

बालक शब्द के रूप 8 विभक्तियों में बदलते हैं और ये सभी एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन में विभाजित होते हैं। यहाँ नीचे बालक शब्द के विभक्तियों के रूप तालिका के रूप में दिए गए हैं:

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा बालकः बालकौ बालकाः
द्वितीया बालकम् बालकौ बालकान्
तृतीया बालकेन बालकाभ्याम् बालकैः
चतुर्थी बालकाय बालकाभ्याम् बालकेभ्यः
पंचमी बालकात् बालकाभ्याम् बालकेभ्यः
षष्ठी बालकस्य बालकयोः बालकानाम्
सप्तमी बालके बालकयोः बालकेषु
संबोधन हे बालक हे बालकौ हे बालकाः

Advertisements



प्रथमा विभक्ति (Nominative Case)

प्रथमा विभक्ति का प्रयोग कर्ता (subject) के रूप में होता है। बालक शब्द के प्रथमा विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकः (बालक)
  • द्विवचन: बालकौ (दो बालक)
  • बहुवचन: बालकाः (अनेक बालक)

उदाहरण:

  • एकवचन: बालकः पठति। (बालक पढ़ता है।)
  • द्विवचन: बालकौ क्रीडतः। (दो बालक खेलते हैं।)
  • बहुवचन: बालकाः गायन्ति। (अनेक बालक गाते हैं।)

द्वितीया विभक्ति (Accusative Case)

द्वितीया विभक्ति का प्रयोग कर्म (object) के रूप में होता है। बालक शब्द के द्वितीया विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकम् (बालक को)
  • द्विवचन: बालकौ (दो बालक को)
  • बहुवचन: बालकान् (अनेक बालक को)

उदाहरण:

  • एकवचन: अहम् बालकम् पश्यामि। (मैं बालक को देखता हूँ।)
  • द्विवचन: अहम् बालकौ पश्यामि। (मैं दो बालक को देखता हूँ।)
  • बहुवचन: अहम् बालकान् पश्यामि। (मैं अनेक बालक को देखता हूँ।)

Advertisements



तृतीया विभक्ति (Instrumental Case)

तृतीया विभक्ति का प्रयोग साधन (instrument) या सहायक के रूप में होता है। बालक शब्द के तृतीया विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकेन (बालक से/द्वारा)
  • द्विवचन: बालकाभ्याम् (दो बालकों से/द्वारा)
  • बहुवचन: बालकैः (अनेक बालकों से/द्वारा)
READ  Rajput Shayari Collection : More Than 100 Shayari

उदाहरण:

  • एकवचन: बालकेन पुस्तकं पठ्यते। (बालक द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)
  • द्विवचन: बालकाभ्याम् पुस्तकं पठ्यते। (दो बालकों द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)
  • बहुवचन: बालकैः पुस्तकं पठ्यते। (अनेक बालकों द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)

चतुर्थी विभक्ति (Dative Case)

चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग संप्रदान (recipient) के रूप में होता है। बालक शब्द के चतुर्थी विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकाय (बालक को/के लिए)
  • द्विवचन: बालकाभ्याम् (दो बालकों को/के लिए)
  • बहुवचन: बालकेभ्यः (अनेक बालकों को/के लिए)

उदाहरण:

  • एकवचन: अहम् बालकाय पुस्तकं ददामि। (मैं बालक को पुस्तक देता हूँ।)
  • द्विवचन: अहम् बालकाभ्याम् पुस्तकं ददामि। (मैं दो बालकों को पुस्तक देता हूँ।)
  • बहुवचन: अहम् बालकेभ्यः पुस्तकं ददामि। (मैं अनेक बालकों को पुस्तक देता हूँ।)

पंचमी विभक्ति (Ablative Case)

पंचमी विभक्ति का प्रयोग अपादान (source) के रूप में होता है। बालक शब्द के पंचमी विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकात् (बालक से)
  • द्विवचन: बालकाभ्याम् (दो बालकों से)
  • बहुवचन: बालकेभ्यः (अनेक बालकों से)

उदाहरण:

  • एकवचन: बालकात् ज्ञानम् प्राप्नोति। (बालक से ज्ञान प्राप्त होता है।)
  • द्विवचन: बालकाभ्याम् ज्ञानम् प्राप्नोति। (दो बालकों से ज्ञान प्राप्त होता है।)
  • बहुवचन: बालकेभ्यः ज्ञानम् प्राप्नोति। (अनेक बालकों से ज्ञान प्राप्त होता है।)

षष्ठी विभक्ति (Genitive Case)

षष्ठी विभक्ति का प्रयोग संबंध (possession) के रूप में होता है। बालक शब्द के षष्ठी विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालकस्य (बालक का)
  • द्विवचन: बालकयोः (दो बालकों का)
  • बहुवचन: बालकानाम् (अनेक बालकों का)

उदाहरण:

  • एकवचन: बालकस्य पुस्तकं अस्ति। (बालक का पुस्तक है।)
  • द्विवचन: बालकयोः पुस्तकं अस्ति। (दो बालकों का पुस्तक है।)
  • बहुवचन: बालकानाम् पुस्तकं अस्ति। (अनेक बालकों का पुस्तक है।)

सप्तमी विभक्ति (Locative Case)

सप्तमी विभक्ति का प्रयोग स्थान (location) के रूप में होता है। बालक शब्द के सप्तमी विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: बालके (बालक में/पर)
  • द्विवचन: बालकयोः (दो बालकों में/पर)
  • बहुवचन: बालकेषु (अनेक बालकों में/पर)

उदाहरण:

  • एकवचन: बालके विद्यालये गच्छति। (बालक विद्यालय में जाता है।)
  • द्विवचन: बालकयोः विद्यालये गच्छति। (दो बालकों में से एक विद्यालय में जाता है।)
  • बहुवचन: बालकेषु विद्यालये गच्छन्ति। (अनेक बालक विद्यालय में जाते हैं।)
READ  Sad Broken Heart Quotes In Hindi

संबोधन विभक्ति (Vocative Case)

संबोधन विभक्ति का प्रयोग किसी को संबोधित करने के लिए होता है। बालक शब्द के संबोधन विभक्ति में निम्नलिखित रूप होते हैं:

  • एकवचन: हे बालक (हे बालक)
  • द्विवचन: हे बालकौ (हे दो बालक)
  • बहुवचन: हे बालकाः (हे अनेक बालक)

उदाहरण:

  • एकवचन: हे बालक, आगच्छ। (हे बालक, आओ।)
  • द्विवचन: हे बालकौ, आगच्छताम्। (हे दो बालक, आओ।)
  • बहुवचन: हे बालकाः, आगच्छत। (हे अनेक बालक, आओ।)

विभक्तियों के प्रयोग के नियम

बालक शब्द के विभक्तियों के रूपों को सही ढंग से प्रयोग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

  1. कर्तृ कर्म: प्रथमा विभक्ति का प्रयोग कर्ता के लिए और द्वितीया विभक्ति का प्रयोग कर्म के लिए होता है।
  2. संबोधन: संबोधन विभक्ति का प्रयोग किसी को बुलाने या ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है।
  3. साधन, संप्रदान, अपादान: तृतीया, चतुर्थी और पंचमी विभक्तियों का प्रयोग क्रमशः साधन, संप्रदान और अपादान के लिए किया जाता है।
  4. संबंध: षष्ठी विभक्ति का प्रयोग संबंध या स्वामित्व दर्शाने के लिए किया जाता है।
  5. स्थान: सप्तमी विभक्ति का प्रयोग स्थान बताने के लिए किया जाता है।

विभक्तियों के उदाहरण

नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो बालक शब्द के विभक्तियों के रूपों को सही ढंग से प्रयोग करते हुए दिखाते हैं:

  1. प्रथमा विभक्ति:
    • बालकः पठति। (बालक पढ़ता है।)
    • बालकौ क्रीडतः। (दो बालक खेलते हैं।)
    • बालकाः गायन्ति। (अनेक बालक गाते हैं।)
  2. द्वितीया विभक्ति:
    • अहम् बालकम् पश्यामि। (मैं बालक को देखता हूँ।)
    • अहम् बालकौ पश्यामि। (मैं दो बालक को देखता हूँ।)
    • अहम् बालकान् पश्यामि। (मैं अनेक बालक को देखता हूँ।)
  3. तृतीया विभक्ति:
    • बालकेन पुस्तकं पठ्यते। (बालक द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)
    • बालकाभ्याम् पुस्तकं पठ्यते। (दो बालकों द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)
    • बालकैः पुस्तकं पठ्यते। (अनेक बालकों द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।)
  4. चतुर्थी विभक्ति:
    • अहम् बालकाय पुस्तकं ददामि। (मैं बालक को पुस्तक देता हूँ।)
    • अहम् बालकाभ्याम् पुस्तकं ददामि। (मैं दो बालकों को पुस्तक देता हूँ।)
    • अहम् बालकेभ्यः पुस्तकं ददामि। (मैं अनेक बालकों को पुस्तक देता हूँ।)
  5. पंचमी विभक्ति:
    • बालकात् ज्ञानम् प्राप्नोति। (बालक से ज्ञान प्राप्त होता है।)
    • बालकाभ्याम् ज्ञानम् प्राप्नोति। (दो बालकों से ज्ञान प्राप्त होता है।)
    • बालकेभ्यः ज्ञानम् प्राप्नोति। (अनेक बालकों से ज्ञान प्राप्त होता है।)
  6. षष्ठी विभक्ति:
    • बालकस्य पुस्तकं अस्ति। (बालक का पुस्तक है।)
    • बालकयोः पुस्तकं अस्ति। (दो बालकों का पुस्तक है।)
    • बालकानाम् पुस्तकं अस्ति। (अनेक बालकों का पुस्तक है।)
  7. सप्तमी विभक्ति:
    • बालके विद्यालये गच्छति। (बालक विद्यालय में जाता है।)
    • बालकयोः विद्यालये गच्छति। (दो बालकों में से एक विद्यालय में जाता है।)
    • बालकेषु विद्यालये गच्छन्ति। (अनेक बालक विद्यालय में जाते हैं।)
  8. संबोधन विभक्ति:
    • हे बालक, आगच्छ। (हे बालक, आओ।)
    • हे बालकौ, आगच्छताम्। (हे दो बालक, आओ।)
    • हे बालकाः, आगच्छत। (हे अनेक बालक, आओ।)
READ  राजस्थान सफाई कर्मचारी भर्ती 2024

आम पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: बालक शब्द का प्रथमा विभक्ति एकवचन क्या है?
उत्तर: बालक शब्द का प्रथमा विभक्ति एकवचन ‘बालकः’ है।

प्रश्न 2: द्वितीया विभक्ति द्विवचन में बालक शब्द का रूप क्या होता है?
उत्तर: द्वितीया विभक्ति द्विवचन में बालक शब्द का रूप ‘बालकौ’ होता है।

प्रश्न 3: बालक शब्द का तृतीया विभक्ति बहुवचन रूप क्या है?
उत्तर: बालक शब्द का तृतीया विभक्ति बहुवचन रूप ‘बालकैः’ है।

प्रश्न 4: षष्ठी विभक्ति में बालक शब्द का एकवचन रूप क्या है?
उत्तर: षष्ठी विभक्ति में बालक शब्द का एकवचन रूप ‘बालकस्य’ है।

प्रश्न 5: सप्तमी विभक्ति में बालक शब्द का द्विवचन रूप क्या है?
उत्तर: सप्तमी विभक्ति में बालक शब्द का द्विवचन रूप ‘बालकयोः’ है।

प्रश्न 6: संबोधन विभक्ति में बालक शब्द का बहुवचन रूप क्या है?
उत्तर: संबोधन विभक्ति में बालक शब्द का बहुवचन रूप ‘हे बालकाः’ है।

संस्कृत भाषा में विभक्तियों का अध्ययन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह भाषा की संरचना को समझने में सहायता करता है। बालक शब्द के विभक्तियों के रूपों को जानना और सही तरीके से उनका प्रयोग करना संस्कृत व्याकरण को सशक्त बनाता है।

Comments (0)

प्रातिक्रिया दे

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Jobs on Whatsapp