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Download Class 9 Hindi Annual Question Paper with Answers PDF 2025

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प्रश्न: ‘साखी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: साखी का अर्थ है उपदेशात्मक दोहा, जो किसी संत या महापुरुष द्वारा कही गई बातों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

प्रश्न: ‘पढ़े फारसी, बेचे तेल’ – इस कहावत का अर्थ समझाइए।
उत्तर: यह कहावत इस ओर इशारा करती है कि केवल शिक्षा होना पर्याप्त नहीं, उसका सही उपयोग भी जरूरी है।

प्रश्न: रहीम के दोहे किस विषय पर केंद्रित होते हैं?
उत्तर: रहीम के दोहे मानव जीवन, विनम्रता, परोपकार और संबंधों पर आधारित होते हैं।

प्रश्न: ‘गीत अगीत’ पाठ का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर: इस पाठ में जीवन के उतार-चढ़ाव, भावनाओं और रिश्तों की सुंदरता को दर्शाया गया है।

प्रश्न: ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में कौन-सा हास्य पक्ष देखने को मिलता है?
उत्तर: इस संवाद में भाषा का व्यंग्यात्मक प्रयोग और परशुराम का क्रोध हास्य का कारण बनता है।

प्रश्न: ‘मेरे बचपन के दिन’ पाठ में लेखक ने अपने बचपन की कौन-सी बातों को याद किया है?
उत्तर: लेखक ने अपने स्कूल के दिन, दोस्तों की शरारतें और सरल जीवनशैली को याद किया है।

प्रश्न: ‘सविता’ कविता में कवि ने किस सामाजिक मुद्दे को उठाया है?
उत्तर: इस कविता में महिला सशक्तिकरण और समाज की रूढ़ियों पर सवाल उठाए गए हैं।

प्रश्न: ‘एक फूल की चाह’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: यह कविता बलिदान, देशप्रेम और आत्मोत्सर्ग की भावना को दर्शाती है।

प्रश्न: ‘ल्हासा की ओर’ यात्रा वृत्तांत में लेखक का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: लेखक को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ कठिन परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा।

प्रश्न: ‘सांच को आंच नहीं’ मुहावरे का अर्थ क्या है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि सच्चाई कभी नहीं झूठलायी जा सकती, उसे किसी भी परिस्थिति में आंच नहीं आती।

प्रश्न: सूरदास की भाषा शैली की विशेषता बताइए।
उत्तर: सूरदास की भाषा ब्रजभाषा है, जो सहज, सरस और भावनाओं से भरपूर होती है।

प्रश्न: कबीर की वाणी में किस प्रकार की चेतना दिखाई देती है?
उत्तर: उनकी वाणी में सामाजिक जागरूकता, धार्मिक पाखंड के विरोध और मानवता की भावना झलकती है।

प्रश्न: ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में हास्य की प्रमुखता किस रूप में है?
उत्तर: चश्मे के माध्यम से नेताओं की दोहरी मानसिकता और उनके दिखावे पर व्यंग्य किया गया है।

प्रश्न: ‘बोलने की आज़ादी’ लेख का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह लेख अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र में इसके महत्व को दर्शाता है।

प्रश्न: ‘मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय’ पाठ में लेखक ने क्या बताया है?
उत्तर: लेखक ने अपने पुस्तक प्रेम और अध्ययन की आदतों को दर्शाया है।

प्रश्न: ‘पानी की कहानी’ पाठ किस विषय पर आधारित है?
उत्तर: यह पाठ जल संरक्षण, पानी की महत्ता और उसके विवेकपूर्ण उपयोग पर केंद्रित है।

प्रश्न: ‘तत्सम’ और ‘तद्भव’ शब्दों में क्या अंतर है?
उत्तर: तत्सम शब्द संस्कृत से बिना परिवर्तन के आते हैं, जबकि तद्भव शब्द समय के साथ बदलकर हिंदी में प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न: संवाद लेखन का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर: संवाद लेखन का उद्देश्य पात्रों के विचार, भावनाएं और घटनाओं को जीवंत रूप से प्रस्तुत करना होता है।

प्रश्न: अपठित गद्यांश क्या होता है?
उत्तर: ऐसा गद्यांश जो पहले से नहीं पढ़ाया गया हो, और जिसे पढ़कर प्रश्नों के उत्तर देने हों।

प्रश्न: मुहावरे और लोकोक्तियों में क्या अंतर है?
उत्तर: मुहावरे वाक्यांश होते हैं जिनका अर्थ सामान्य से अलग होता है, जबकि लोकोक्तियाँ पूरे वाक्य के रूप में प्रचलित होती हैं।

प्रश्न: आत्मकथा और जीवनी में क्या अंतर है?
उत्तर: आत्मकथा व्यक्ति स्वयं लिखता है, जबकि जीवनी कोई दूसरा लेखक लिखता है।

प्रश्न: हिंदी भाषा में ‘समास’ का क्या महत्व है?
उत्तर: समास से भाषा में संक्षिप्तता और प्रभावशीलता आती है।

प्रश्न: ‘कर्मवीर’ पाठ का नायक कौन है और क्यों?
उत्तर: इसमें बालकृष्ण भट्ट नायक हैं, जिन्होंने अपने लेखन और विचारों से समाज को जागरूक किया।

प्रश्न: विलोम शब्द क्या होते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: विलोम शब्द वे होते हैं जिनका अर्थ एक-दूसरे के विपरीत हो, जैसे – दिन – रात।

प्रश्न: पर्यायवाची शब्द का अर्थ दीजिए।
उत्तर: एक ही अर्थ वाले विभिन्न शब्द पर्यायवाची कहलाते हैं, जैसे – जल, पानी, नीर।

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प्रश्न: ‘माँ की ममता’ कविता में माँ का चित्रण कैसे किया गया है?
उत्तर: इस कविता में माँ को त्याग, प्रेम और सहनशीलता की मूर्ति बताया गया है।

प्रश्न: पत्र लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: विषय की स्पष्टता, भाषा की सरलता, उचित प्रारूप और संबोधन जरूरी हैं।

प्रश्न: ‘कविता’ और ‘कहानी’ में क्या अंतर है?
उत्तर: कविता भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है जबकि कहानी घटनाओं और पात्रों पर आधारित होती है।

प्रश्न: ‘विद्युत उपकरणों का दुरुपयोग’ पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: आजकल विद्युत उपकरणों का बढ़ता प्रयोग ऊर्जा की हानि कर रहा है। हमें इनका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए।

प्रश्न: ‘बाल मजदूरी’ पर लघु निबंध लिखिए।
उत्तर: बाल मजदूरी समाज के लिए कलंक है। बच्चों को शिक्षा और खेल का अधिकार मिलना चाहिए।

प्रश्न: रसों के प्रकार और परिभाषा लिखिए।
उत्तर: मुख्य 9 रस होते हैं जैसे श्रृंगार, करुण, हास्य आदि। ये भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करते हैं।

प्रश्न: किसी त्योहार का वर्णन कीजिए।
उत्तर: दीवाली प्रकाश का पर्व है जिसमें लोग दीप जलाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और पटाखे जलाते हैं।

प्रश्न: संधि क्या होती है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: दो शब्दों के मेल से बनने वाला नया शब्द संधि कहलाता है। जैसे – सुर+अलि = सुरलि।

प्रश्न: ‘पर्यावरण संरक्षण’ पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। हमें वृक्षारोपण, जल-संरक्षण और स्वच्छता जैसे उपाय अपनाने चाहिए।

प्रश्न: ‘कविता में प्रतीक’ का क्या महत्व है?
उत्तर: प्रतीक कविता में गहरे अर्थ को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न: विज्ञापन लेखन के प्रमुख अंग क्या हैं?
उत्तर: आकर्षक शीर्षक, संक्षिप्त जानकारी, चित्र और संपर्क सूत्र विज्ञापन लेखन के मुख्य अंग हैं।

प्रश्न: संवाद लेखन का एक उदाहरण दीजिए – विद्यालय में देर से आने पर।
उत्तर: छात्र: सर, मुझे देर हो गई क्योंकि बस लेट थी।
शिक्षक: अगली बार समय का ध्यान रखें, ये अनुशासन का विषय है।

प्रश्न: ‘राहुल’ और ‘रवि’ के बीच परीक्षा की तैयारी पर संवाद लिखिए।
उत्तर: राहुल: तुमने हिंदी की तैयारी कर ली?
रवि: हाँ, कविता और गद्य दोनों पढ़ लिया। तू?

प्रश्न: ‘ग्लोबल वार्मिंग’ पर निबंध लिखिए।
उत्तर: ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान में हो रही वृद्धि है, जो मानव जीवन को खतरे में डाल रही है। इसके लिए पेड़ लगाना जरूरी है।

प्रश्न: संज्ञा के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर: संज्ञा के चार प्रकार हैं – व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक और समूहवाचक संज्ञा।

प्रश्न: ‘जल ही जीवन है’ पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: जल के बिना जीवन असंभव है। हमें जल का अपव्यय रोकना और संरक्षण करना चाहिए।

प्रश्न: समाचार लेखन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित – 28 मई को राजकीय विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी हुई, जिसमें छात्रों ने रोबोटिक्स, कृषि उपकरण और सौर ऊर्जा पर मॉडल प्रस्तुत किए।

प्रश्न: ‘ईमानदारी’ पर लघु निबंध लिखिए।
उत्तर: ईमानदारी व्यक्ति की सबसे बड़ी पूँजी होती है। यह विश्वास और आदर्श का प्रतीक है।

प्रश्न: ‘कोरोना महामारी’ पर अनुभव लेखन कीजिए।
उत्तर: इस महामारी ने हमें संयम, स्वच्छता और जीवन के महत्व को समझाया। यह समय कठिनाई भरा था लेकिन सीखों से भरा।

प्रश्न: ‘पुस्तक का महत्व’ पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं। ये हमें सोचने, समझने और बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती हैं।

प्रश्न: ‘बचपन के दिन’ पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: बचपन के दिन सबसे सुंदर होते हैं। शरारतें, खेल, दोस्तों के साथ बिताया समय आज भी याद आता है।

प्रश्न: ‘मेरा प्रिय त्योहार होली’ पर निबंध लिखिए।
उत्तर: होली रंगों का त्योहार है जो भाईचारे और खुशियों का प्रतीक है। यह पर्व समाज में मिल-जुलकर रहने की भावना पैदा करता है।

प्रश्न: भाषा और बोली में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: भाषा व्यापक रूप होती है जिसमें साहित्य लिखा जाता है, जबकि बोली स्थानीय और बोलचाल की शैली होती है।

प्रश्न: पत्र लेखन – अपनी माँ को पत्र लिखिए: परीक्षा में अच्छे अंक आने पर।
उत्तर: प्रिय माँ,
मैं यह बताते हुए बहुत खुश हूँ कि मेरी वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक आए हैं। आपका आशीर्वाद ही मेरी सफलता का कारण है।
आपका पुत्र
[नाम]

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9वीं कक्षा हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र के लिए बेहतरीन पुस्तकें और उनके विवरण

1. क्षितिज भाग 1 – एनसीईआरटी, प्रकाशक: एनसीईआरटी
साहित्यिक और कविता आधारित पाठ्यांश, जिनसे व्याख्या, व्याकरण, और भावार्थ पूछे जाते हैं।

2. कृतिका भाग 1 – एनसीईआरटी, प्रकाशक: एनसीईआरटी
रचनात्मक कहानियाँ और जीवनमूल्यों पर आधारित गद्यांश; चरित्र चित्रण और विचारात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं।

3. स्पर्श भाग 1 – सीबीएसई वैकल्पिक पुस्तक, प्रकाशक: एनसीईआरटी
साहित्यिक गद्य और पद्य से संबंधित व्याख्यात्मक प्रश्न, भावार्थ और लेखक परिचय से संबंधित प्रश्न शामिल होते हैं।

4. संचयन भाग 1 – सीबीएसई वैकल्पिक पुस्तक, प्रकाशक: एनसीईआरटी
समसामयिक विषयों पर आधारित कहानियाँ, जिनसे सोच-विचार आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

5. व्याकरण दर्शन – लेखक: डॉ. रामनारायण शर्मा, प्रकाशक: भारतीय विद्या भवन
हिंदी व्याकरण पर केंद्रित पुस्तक, जिसमें संधि, समास, कारक, वाच्य इत्यादि से अभ्यास प्रश्न मिलते हैं।

6. नवीन हिंदी व्याकरण – लेखक: रामदेव प्रसाद, प्रकाशक: लक्ष्मी नारायण अग्रवाल
इसमें संपूर्ण हिंदी व्याकरण का सरल प्रस्तुतीकरण है; अभ्यास प्रश्न उत्तर सहित दिए गए हैं।

7. सरल हिंदी रचनात्मक लेखन – लेखक: वी.एन. त्रिपाठी, प्रकाशक: ज्ञानभारती पब्लिकेशन
पत्र लेखन, निबंध, संवाद, अनुच्छेद लेखन जैसे रचनात्मक लेखन के ढेरों अभ्यास प्रश्न।

8. हिंदी साहित्य का इतिहास – लेखक: रामचंद्र शुक्ल, प्रकाशक: लोकभारती प्रकाशन
हिंदी साहित्य की प्रमुख धाराओं, कवियों और उनके योगदान से संबंधित तथ्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं।

9. बालसाहित्य संग्रह – लेखक: प्रेमचंद, प्रकाशक: राजपाल एंड संस
कहानियों पर आधारित समझ, मूल्यांकन और चरित्र चित्रण से संबंधित प्रश्न।

10. स्वरचित हिंदी संकलन – लेखक: डॉ. सीमा श्रीवास्तव, प्रकाशक: विद्या प्रकाशन
विविध गद्य व पद्य रचनाएँ, प्रत्येक पर अभ्यास प्रश्न और उत्तर।

11. भाषा का रूप – लेखक: डॉ. रामअवतार शर्मा, प्रकाशक: हिंदी साहित्य भवन
भाषा, लिपि, लिंग, वचन, वाक्य रचना जैसे व्याकरणिक प्रश्नों पर आधारित।

12. हिंदी संवाद कला – लेखक: अजय कुमार, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन
संवाद लेखन, भाषण और नाटक के प्रारूपों पर आधारित व्यावहारिक प्रश्न।

13. हिंदी निबंध संग्रह – लेखक: मोहनलाल गुप्ता, प्रकाशक: अरिहंत पब्लिकेशन
सभी प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक, और शैक्षणिक विषयों पर निबंध; बोर्ड में आने की संभावना अधिक।

14. नई सोच – लेखक: रजनी शर्मा, प्रकाशक: टार्गेट पब्लिकेशन
आधुनिक विषयों पर लेख, अपठित गद्यांश और व्याकरण आधारित अभ्यास।

15. परीक्षा रेडी हिंदी – लेखक: मनीष दुबे, प्रकाशक: ऑक्सफोर्ड इंडिया
प्रत्येक पाठ के साथ सारांश, महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं।

16. सीखें हिंदी सही ढंग से – लेखक: संजय मिश्रा, प्रकाशक: ब्लू रोज पब्लिकेशन
व्याकरण और लेखन के व्यावहारिक पहलुओं पर आधारित है।

17. भाषा और भाव – लेखक: वीरेन्द्र सिंह, प्रकाशक: नवभारत प्रकाशन
भाषा के भावात्मक प्रयोग और गद्य रचनाओं पर विशेष ध्यान।

18. पाठ्यांश आधारित अभ्यास – लेखक: स्मृति मिश्रा, प्रकाशक: हिंदी एजुकेशन प्रेस
सभी बोर्ड-पैटर्न पर आधारित अपठित गद्यांश और कविता आधारित प्रश्न।

19. प्रश्न माला हिंदी – लेखक: अर्पिता सिंह, प्रकाशक: विद्या मंदिर प्रकाशन
प्रत्येक पाठ पर आधारित संभावित प्रश्नों की श्रृंखला।

20. विद्यार्थियों के लिए हिंदी अभ्यास पुस्तिका – लेखक: अनिता पांडे, प्रकाशक: सरल प्रकाशन
सभी प्रकार के प्रश्नों – लघु, दीर्घ, व्याख्यात्मक, रचनात्मक – का अभ्यास।

9वीं कक्षा हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र पर 500 शब्दों का लेख

9वीं कक्षा हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र विद्यार्थियों के लिए न केवल पाठ्यक्रम की समझ का आकलन करने का अवसर होता है, बल्कि यह भाषा के प्रति रुचि और भावनात्मक बौद्धिकता को भी दर्शाता है। हिंदी विषय को यदि समझदारी से पढ़ा जाए, तो यह सबसे अंकदायक विषय बन सकता है।

यह प्रश्न पत्र आमतौर पर चार खंडों में विभाजित होता है: अपठित गद्यांश, पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्न, व्याकरण और लेखन कार्य। प्रत्येक खंड का अलग महत्व होता है और विद्यार्थी को सभी पर बराबर ध्यान देना चाहिए।

अपठित गद्यांश में विद्यार्थियों की समझ, विश्लेषण और निष्कर्ष निकालने की क्षमता की जांच होती है। यहाँ छात्रों को नए पाठ को पढ़कर उससे संबंधित उत्तर देने होते हैं, जो उनकी त्वरित समझ और उत्तर देने की क्षमता को मापते हैं।

पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्न में मुख्य रूप से क्षितिज और कृतिका पुस्तकों से लिए गए पाठों पर प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें से कुछ प्रश्न सीधे पाठ पर आधारित होते हैं, जबकि कुछ प्रश्न विचारात्मक और विश्लेषणात्मक होते हैं। उदाहरण के लिए – “रहीम के दोहों में मानव मूल्यों की व्याख्या कीजिए” जैसे प्रश्न छात्रों से गहराई में सोचने की अपेक्षा करते हैं।

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व्याकरण खंड में संधि, समास, काल, वचन, लिंग, कारक, उपसर्ग, प्रत्यय, वाक्य रूपांतरण, मुहावरे व लोकोक्तियाँ शामिल होते हैं। यह खंड छात्रों की भाषा संरचना और प्रयोग की समझ को परखता है। व्याकरण में अभ्यास की महत्ता सबसे अधिक होती है क्योंकि यह सही या गलत के आधार पर अंक देता है।

लेखन कार्य खंड छात्रों की सृजनात्मकता को सामने लाता है। इसमें पत्र लेखन, अनुच्छेद, संवाद लेखन और निबंध आते हैं। विद्यार्थी यहाँ अपनी सोच और अभिव्यक्ति शैली को प्रस्तुत करते हैं। अच्छा लेखन अंक प्राप्त करने का प्रभावी माध्यम होता है, बशर्ते विद्यार्थी भाषा की शुद्धता और विचार की स्पष्टता बनाए रखें।

हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र की तैयारी के लिए नियमित अभ्यास, मॉडल प्रश्न पत्र हल करना, और महत्वपूर्ण प्रश्नों की सूची बनाना उपयोगी सिद्ध होता है। शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों की राय में छात्रों को व्याकरण और लेखन पर अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि वहीं से अकसर चयनात्मक प्रश्न आते हैं।

इस स्तर पर हिंदी केवल एक विषय नहीं, बल्कि भाषा और सोचने के तरीके को विकसित करने का माध्यम है। सही दिशा में अध्ययन और नियमित अभ्यास से विद्यार्थी हिंदी में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं |

FAQ for 9th class hindi annual question paper

प्रश्न 1: 9वीं कक्षा हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र में कौन-कौन से खंड होते हैं?
उत्तर: 9वीं कक्षा के हिंदी वार्षिक प्रश्न पत्र में मुख्यतः चार खंड होते हैं – अपठित गद्यांश, पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्न, व्याकरण, और लेखन कार्य।

प्रश्न 2: हिंदी वार्षिक परीक्षा में सबसे अधिक अंक किस खंड से आते हैं?
उत्तर: लेखन कार्य और पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नों से सबसे अधिक अंक आते हैं। लेखन खंड में निबंध, पत्र लेखन आदि अंकदायी होते हैं।

प्रश्न 3: परीक्षा की तैयारी के लिए कौन-सी पुस्तकें सबसे उपयुक्त हैं?
उत्तर: एनसीईआरटी की क्षितिज, कृतिका और नवीन हिंदी व्याकरण जैसी पुस्तकें सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।

प्रश्न 4: हिंदी व्याकरण की तैयारी कैसे करें?
उत्तर: व्याकरण की नियमित प्रैक्टिस करें, प्रत्येक टॉपिक को उदाहरणों सहित समझें, और अभ्यास प्रश्न हल करें। संधि, समास, कारक, काल आदि पर विशेष ध्यान दें।

प्रश्न 5: रचनात्मक लेखन के लिए कैसे तैयारी करें?
उत्तर: निबंध, पत्र, संवाद, अनुच्छेद जैसे लेखन कार्यों का अभ्यास करें। विषय से जुड़े मुख्य बिंदुओं की सूची बनाकर लिखने की आदत डालें।

प्रश्न 6: क्या पुराने प्रश्न पत्र हल करना मददगार होता है?
उत्तर: हाँ, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने से प्रश्नों के स्वरूप और परीक्षा के पैटर्न की बेहतर समझ मिलती है।

प्रश्न 7: क्या हिंदी वार्षिक परीक्षा में अपठित गद्यांश अनिवार्य होता है?
उत्तर: हाँ, अपठित गद्यांश अनिवार्य होता है और इससे विद्यार्थियों की समझ व विश्लेषण क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।

प्रश्न 8: हिंदी के कौन-कौन से कवि या लेखक 9वीं कक्षा में पढ़ाए जाते हैं?
उत्तर: कबीर, रहीम, सूरदास, प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त जैसे प्रसिद्ध रचनाकारों की रचनाएँ पाठ्यक्रम में शामिल होती हैं।

प्रश्न 9: परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: उत्तर को साफ-सुथरे तरीके से लिखें, व्याकरण की अशुद्धियाँ न करें, समय का सही उपयोग करें और प्रश्न के अनुसार उत्तर दें।

प्रश्न 10: अपठित गद्यांश हल करते समय क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
उत्तर: पहले गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें, फिर प्रश्नों को समझें और उत्तर गद्यांश के आधार पर ही दें। अनुमान पर उत्तर न लिखें |