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Class 12 History Notes in Hindi

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इन नोट्स को एक अनुभवी शिक्षक द्वारा तैयार किया गया है, जिन्होंने इतिहास विषय में गहन अध्ययन और शोध किया है। लेखक ने अपनी शिक्षा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से पूरी की है और वर्तमान में वे कई वर्षों से इतिहास पढ़ा रहे हैं। उनके नोट्स सरल और स्पष्ट भाषा में होते हैं, जिससे छात्रों को विषय समझने में आसानी होती है।

कौन से छात्र इन नोट्स का उपयोग कर सकते हैं और कौन से परीक्षाओं के लिए ये उपयोगी हैं

इन नोट्स का उपयोग कक्षा 12 के सभी छात्र कर सकते हैं, जो कि CBSE, ICSE, और राज्य बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, यह नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, और अन्य सरकारी नौकरी परीक्षाओं में भी सहायक हो सकते हैं।

नोट्स में क्या सामग्री कवर होगी?

नोट्स में सभी महत्वपूर्ण अध्यायों और विषयों को शामिल किया गया है, जो कक्षा 12 के इतिहास पाठ्यक्रम में आते हैं। इसमें प्रमुख घटनाएं, तिथियाँ, व्यक्तित्व, और विभिन्न कालखंडों की विशेषताएँ विस्तार से समझाई गई हैं।

विषयों का विवरण

प्राचीन भारत

  • सिंधु घाटी सभ्यता
  • वैदिक काल
  • महाजनपद और मगध
  • मौर्य साम्राज्य
  • गुप्त साम्राज्य

मध्यकालीन भारत

  • दिल्ली सल्तनत
  • मुगल साम्राज्य
  • मराठा साम्राज्य
  • दक्षिण भारत के साम्राज्य

आधुनिक भारत

  • ब्रिटिश शासन
  • स्वतंत्रता संग्राम
  • विभाजन और स्वतंत्रता
  • स्वतंत्र भारत का संविधान

मुख्य अवधारणाएँ और सिद्धांत

सिंधु घाटी सभ्यता

  • नगरीय योजना
  • सामाजिक संरचना
  • आर्थिक गतिविधियाँ
  • धार्मिक मान्यताएँ

वैदिक काल

  • आर्यों का आगमन
  • वैदिक साहित्य
  • समाज और धर्म
  • आर्थिक संरचना

महाजनपद और मगध

  • महाजनपद की स्थापना
  • मगध साम्राज्य का उदय
  • धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन

मौर्य साम्राज्य

  • चंद्रगुप्त मौर्य का शासन
  • अशोक और धम्म
  • मौर्य प्रशासन
  • आर्थिक और सामाजिक जीवन

गुप्त साम्राज्य

  • गुप्त काल का स्वर्ण युग
  • विज्ञान और कला
  • सामाजिक और धार्मिक जीवन

दिल्ली सल्तनत

  • सल्तनत काल के शासक
  • प्रशासन और शासन प्रणाली
  • सांस्कृतिक योगदान

मुगल साम्राज्य

  • बाबर से औरंगजेब तक
  • प्रशासनिक सुधार
  • कला और संस्कृति
  • मुगल वास्तुकला

मराठा साम्राज्य

  • शिवाजी का जीवन
  • मराठा प्रशासन
  • मराठों की आर्थिक और सैन्य नीति

दक्षिण भारत के साम्राज्य

  • चोल और पांड्य साम्राज्य
  • कला और साहित्य

ब्रिटिश शासन

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
  • 1857 का विद्रोह
  • औपनिवेशिक शासन के प्रभाव

स्वतंत्रता संग्राम

  • राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नेता
  • असहयोग आंदोलन
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन
  • भारत छोड़ो आंदोलन

विभाजन और स्वतंत्रता

  • विभाजन की प्रक्रिया
  • स्वतंत्रता के बाद की चुनौतियाँ

स्वतंत्र भारत का संविधान

  • संविधान सभा का गठन
  • भारतीय संविधान के प्रमुख प्रावधान
  • भारतीय लोकतंत्र की संरचना

सूचनाएं सारणी में

अध्याय विषय
प्राचीन भारत सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक काल, महाजनपद और मगध, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य
मध्यकालीन भारत दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, दक्षिण भारत के साम्राज्य
आधुनिक भारत ब्रिटिश शासन, स्वतंत्रता संग्राम, विभाजन और स्वतंत्रता, स्वतंत्र भारत का संविधान
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परीक्षाओं के लिए उपयोगी

इन नोट्स का उपयोग मुख्यतः कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए किया जा सकता है। साथ ही, यह नोट्स UPSC, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं। इनमें दी गई सूचनाएं और अवधारणाएं परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने में मददगार साबित होंगी।

सभी अध्यायों के शीर्षक और अनुभाग शीर्षक

प्राचीन भारत

सिंधु घाटी सभ्यता

नगरीय योजना

सिंधु घाटी सभ्यता में नगरों की योजना अत्यंत उन्नत थी। नगरों में सीधी सड़के, पक्के मकान और जल निकासी की व्यवस्था थी।

सामाजिक संरचना

इस सभ्यता में सामाजिक वर्गों का विभाजन स्पष्ट था। पुरातात्विक अवशेषों से विभिन्न सामाजिक समूहों के अस्तित्व का प्रमाण मिलता है।

आर्थिक गतिविधियाँ

सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कृषि, व्यापार और शिल्पकला में निपुण थे। सिंधु नदी के किनारे बसी बस्तियाँ कृषि की दृष्टि से समृद्ध थीं।

धार्मिक मान्यताएँ

इस सभ्यता के लोग प्रकृति पूजा करते थे। पशुपति और मातृदेवी की पूजा के प्रमाण मिले हैं।

वैदिक काल

आर्यों का आगमन

आर्यों का आगमन भारत में वैदिक सभ्यता की शुरुआत का प्रतीक था। वे घुमंतू जीवन शैली से स्थायी बस्तियों में बदल गए।

वैदिक साहित्य

वैदिक साहित्य चार वेदों – ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद – में विभाजित है। यह साहित्य धार्मिक और दार्शनिक विचारों का स्रोत है।

समाज और धर्म

वैदिक समाज चार वर्णों – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र – में विभाजित था। वैदिक धर्म यज्ञ और ऋचाओं पर आधारित था।

आर्थिक संरचना

वैदिक काल में कृषि प्रमुख आर्थिक गतिविधि थी। व्यापार और शिल्पकला भी विकसित हुई।

महाजनपद और मगध

महाजनपद की स्थापना

महाजनपद स्वतंत्र राज्य थे जिनकी अपनी राजनीतिक और सामाजिक संरचना थी। इन राज्यों का उदय वैदिक काल के बाद हुआ।

मगध साम्राज्य का उदय

मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद के रूप में उभरा। बिंबिसार और अजातशत्रु जैसे शासकों ने मगध को समृद्ध और शक्तिशाली बनाया।

धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन

इस काल में जैन और बौद्ध धर्म का उदय हुआ। समाज में अनेक धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन हुए।

मौर्य साम्राज्य

चंद्रगुप्त मौर्य का शासन

चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उनके शासनकाल में साम्राज्य का विस्तार और स्थायित्व हुआ।

अशोक और धम्म

अशोक महान ने धम्म की नीति अपनाई और बौद्ध धर्म का प्रचार किया। उनके शासनकाल में कला, संस्कृति और प्रशासन में महत्वपूर्ण विकास हुआ।

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मौर्य प्रशासन

मौर्य साम्राज्य का प्रशासन केंद्रीयकृत था। सम्राट, मंत्रिमंडल और विभिन्न अधिकारियों द्वारा शासन चलाया जाता था।

आर्थिक और सामाजिक जीवन

मौर्य काल में कृषि, उद्योग और व्यापार फले-फूले। समाज में धर्म और संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान था।

गुप्त साम्राज्य

गुप्त काल का स्वर्ण युग

गुप्त साम्राज्य को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति का अद्वितीय विकास हुआ।

विज्ञान और कला

गुप्त काल में आर्यभट्ट और वराहमिहिर जैसे वैज्ञानिक हुए। कला और वास्तुकला में नयी ऊंचाइयाँ हासिल की गईं।

सामाजिक और धार्मिक जीवन

गुप्त काल में समाज और धर्म का गहरा प्रभाव था। वैदिक धर्म पुनः प्रतिष्ठित हुआ और मंदिरों का निर्माण हुआ।

दिल्ली सल्तनत

सल्तनत काल के शासक

दिल्ली सल्तनत में विभिन्न वंशों का शासन रहा जैसे गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश, और लोदी वंश।

प्रशासन और शासन प्रणाली

दिल्ली सल्तनत का प्रशासन केंद्रीयकृत था। सुलतान सबसे महत्वपूर्ण पद था और राज्यपाल तथा अन्य अधिकारियों की सहायता से शासन चलता था।

सांस्कृतिक योगदान

सल्तनत काल में भारत में इस्लामी कला और संस्कृति का विकास हुआ। वास्तुकला में मीनारों और मस्जिदों का निर्माण हुआ।

मुगल साम्राज्य

बाबर से औरंगजेब तक

मुगल साम्राज्य की स्थापना बाबर ने की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब ने शासन किया।

प्रशासनिक सुधार

अकबर के शासनकाल में प्रशासनिक सुधार किए गए। सूबेदार, दीवान और मिर्जा के पद स्थापित किए गए।

कला और संस्कृति

मुगल काल में कला और संस्कृति का अभूतपूर्व विकास हुआ। चित्रकला, संगीत और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान हुआ।

मुगल वास्तुकला

मुगल वास्तुकला में ताजमहल, लाल किला और जामा मस्जिद जैसे शानदार इमारतों का निर्माण हुआ।

मराठा साम्राज्य

शिवाजी का जीवन

शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उनका जीवन वीरता और साहस का प्रतीक है।

मराठा प्रशासन

मराठा साम्राज्य में केंद्रीय और प्रांतीय प्रशासन की मजबूत व्यवस्था थी। पेशवा, सेनापति और अन्य अधिकारियों द्वारा शासन चलता था।

मराठों की आर्थिक और सैन्य नीति

मराठा साम्राज्य में कृषि और व्यापार का महत्वपूर्ण स्थान था। सेना में घुड़सवार और पैदल सैनिकों का विशेष महत्व था।

दक्षिण भारत के साम्राज्य

चोल और पांड्य साम्राज्य

चोल और पांड्य साम्राज्य दक्षिण भारत के प्रमुख साम्राज्य थे। इन साम्राज्यों का प्रशासनिक और सांस्कृतिक योगदान महत्वपूर्ण है।

कला और साहित्य

चोल और पांड्य काल में तमिल साहित्य और कला का उत्कर्ष हुआ। मंदिरों की वास्तुकला में नवीनता आई।

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ब्रिटिश शासन

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापार के उद्देश्य से कदम रखा और धीरे-धीरे राजनीतिक नियंत्रण स्थापित किया।

1857 का विद्रोह

1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम संगठित प्रयास था। इस विद्रोह में विभिन्न भारतीय राजाओं और सैनिकों ने भाग लिया।

औपनिवेशिक शासन के प्रभाव

ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा। कृषि, उद्योग और शिक्षा में बदलाव आए।

स्वतंत्रता संग्राम

राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख नेता

स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह आदि प्रमुख नेता थे।

असहयोग आंदोलन

महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया असहयोग आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण चरण था। इसमें लोगों ने विदेशी वस्त्रों और सामान का बहिष्कार किया।

सविनय अवज्ञा आंदोलन

सविनय अवज्ञा आंदोलन में नमक सत्याग्रह, धरने और रैलियों का आयोजन किया गया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी।

भारत छोड़ो आंदोलन

भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाया गया। इस आंदोलन का उद्देश्य था ब्रिटिश शासन को तत्काल समाप्त करना।

विभाजन और स्वतंत्रता

विभाजन की प्रक्रिया

भारत का विभाजन 1947 में हुआ। विभाजन के कारण भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्र बने।

स्वतंत्रता के बाद की चुनौतियाँ

स्वतंत्रता के बाद भारत को अनेक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

स्वतंत्र भारत का संविधान

संविधान सभा का गठन

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान सभा का गठन हुआ। इस सभा ने भारतीय संविधान का निर्माण किया।

भारतीय संविधान के प्रमुख प्रावधान

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार, निर्देशक सिद्धांत, और संघीय ढांचा शामिल है। यह संविधान भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला है।

भारतीय लोकतंत्र की संरचना

भारतीय लोकतंत्र में संसद, राज्य विधानसभाएँ, और न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह प्रणाली संघीय ढांचे पर आधारित है।

ये नोट्स कक्षा 12 के इतिहास के सभी महत्वपूर्ण अध्यायों और अवधारणाओं को सरल और स्पष्ट भाषा में समझाते हैं। छात्र इन नोट्स का उपयोग अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए कर सकते हैं और अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। इन नोट्स की जानकारी विभिन्न परीक्षाओं में उपयोगी हो सकती है और छात्रों को इतिहास विषय में गहरी समझ विकसित करने में मदद करती है।

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