हर इंसान चाहता है कि उसका दिन अच्छे से बीते और रात को चैन की नींद आए। इस्लाम में सोने से पहले कुछ खास दुआएं बताई गई हैं, जिन्हें पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है और अल्लाह की हिफाज़त मिलती है। आइए, इस दुआ को जानें।
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अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमूतु वा अह्या
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ऐ अल्लाह! मुझे हिफाज़त से सुला
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या अल्लाह, आज का दिन अच्छा गुज़रा, शुक्र है
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मेरे अल्लाह, मुझे नेक ख्वाब दिखा
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अल्लाह, मुझे और मेरे घरवालों को सलामती दे
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रात भर तेरी हिफाज़त में रहूं
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बुरे ख्वाबों से बचा
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फरिश्तों की हिफाज़त में सुला
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दिल को सुकून और नींद को करार दे
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सबकी मुश्किलें आसान कर
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मुझे और सबको नेक राह दिखा
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आज के दिन की तमाम गलतियों को माफ़ कर
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अल्लाह मेरी मां-बाप की उम्र दराज़ कर
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या रब, मेरे गुनाहों को माफ़ कर
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मुझे हलाल रिज़्क अता फरमा
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मेरी बेचेनी को सुकून में बदल दे
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या रहमान, आज की थकावट मिटा दे
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मेरी सोहबत को नेक बना
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आने वाला कल बेहतर बना
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जो बीमार हैं उन्हें शिफ़ा दे
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मुझे और मेरी औलाद को हिदायत दे
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अल्लाह, मुझे क़यामत के दिन शर्मिंदा न कर
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मेरी दुआओं को कुबूल कर
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अल्लाह, मेरी नेकी को क़ुबूल कर
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अल्लाह, मुझे हलाल काम दे
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दिल की ग़म को दूर कर
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नींद को इबादत बना दे
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मेरे दिल में नूर भर दे
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हर बुराई से मेरी हिफाज़त कर
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या नूर, मेरी रात को रौशन कर
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मेरी तन्हाई को दूर कर
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आज की सभी नेकी को कुबूल कर
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मुझे चैन की नींद दे
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मेरी ज़िन्दगी में बरकत दे
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मेरी इबादत को मुकम्मल कर
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नेक ख्वाबों के साथ जगा
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आज के दिन से कुछ सिखा
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माफ़ कर दे मेरी कोताहियाँ
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दिल से शक और नफरत निकाल दे
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मुझे सब्र और शुक्र अता कर
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आने वाले कल को अच्छा बना
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मेरी फिक्र को दूर कर
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जो भी तकलीफ है, खत्म कर दे
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हर खतरे से मेरी हिफाजत कर
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अल्लाह मेरी दुआओं को कबूल कर
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इस रात को रहमत वाली बना
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मेरी रूह को सुकून दे
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मेरी ज़ुबान को झूठ से बचा
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सच्चाई के रास्ते पर रख
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मेरी आंखों को अश्कों से दूर कर
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मुझे अपने करीब कर
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मेरी नींद को राहत बना
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या अल्लाह! मुझे दीन पर कायम रख
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मुझे नेक औलाद अता कर
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गुनाहों की रात नहीं, मग़फ़िरत की रात बना
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सब की भलाई की दुआ कर
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रात की परवाह तुझ पर छोड़ता हूं
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मुझे तुझ पर भरोसा दे
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मेरे ख्वाबों को हकीकत बना
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मेरे दिल को नरम बना
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मेरी भूली बातों को माफ़ कर
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मुझे गुस्से से बचा
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मेरी रात को बरकत दे
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मेरी नींद को आराम दे
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मेरी तकलीफों को दूर कर
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अल्लाह मेरे गुनाहों की सजा मत देना
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या करीम, मुझे रहमत से सुला
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मुझे हर गलत सोच से बचा
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मेरी रात की सोच को पाक कर
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दिल में माफी का जज़्बा भर
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मुझे उस दिन के लिए तैयार कर
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मेरी अल्फाज़ को पाक बना
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या रब, मेरी नींद को सुकून दे
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हर डर से निजात दे
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या अल्लाह, हर दर्द से राहत दे
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आज के दिन के लिए शुक्रिया
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तेरे नाम पर नींद लेता हूं
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मेरी इबादत अधूरी न रह जाए
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मेरी दुआओं को रद्द न करना
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मुझे हिदायत के रास्ते पर सुला
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सबको रात की सलामती दे
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मुझे हक़ीक़त दिखा
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मुझे तूफ़ानों से बचा
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मेरे अपनों को सलामत रख
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मेरी आंखों को पाक बना
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मेरे दिल को साफ कर
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तौबा को कुबूल कर
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मेरे वुज़ू की बरकत दे
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हर शैतानी ख्याल से बचा
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फरिश्तों को मेरा साथी बना
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या रब, मेरी रात रोशन कर
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मुझे हर बुराई से दूर रख
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मेरी ज़िन्दगी की उलझनें सुलझा
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मेरे ख्वाबों को दुआ बना
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मेरे ग़म को खुशी में बदल
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अल्लाह, तेरे नाम से सोया हूं
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मेरी रूह को रोशन कर
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सबकी भलाई की दुआ करता हूं
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इस रात को नूरानी बना
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मुझे तेरा नेक बंदा बना
FAQ for Sone Ki Dua Hindi Me
1. सोने से पहले कौन सी दुआ पढ़नी चाहिए?
उत्तर:
इस्लामी परंपरा के अनुसार सोने से पहले यह दुआ पढ़नी चाहिए:
“अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमूतु वा अह्या”
(अर्थ: ऐ अल्लाह! मैं तेरे नाम से ही मरता और जीता हूं।)
2. क्या सोने की दुआ सिर्फ बच्चों के लिए होती है?
उत्तर:
नहीं, सोने की दुआ हर उम्र के व्यक्ति के लिए होती है। यह एक इबादत है जो दिल को सुकून देती है और अल्लाह की हिफाज़त में नींद लाने का माध्यम बनती है।
3. क्या सोने की दुआ हिंदी में पढ़ सकते हैं?
उत्तर:
दुआ का भाव समझना ज़रूरी है, इसलिए हिंदी में अर्थ जानना फायदेमंद है। लेकिन मूल अरबी दुआ पढ़ना अफ़ज़ल (बेहतर) माना जाता है।
4. क्या सिर्फ दुआ पढ़ना काफी है, या कुछ और भी पढ़ना चाहिए?
उत्तर:
सोने से पहले कुछ और दुआएं और ज़िक्र जैसे आयतुल कुर्सी, सुरह इख़लास, सुरह फलक, और सुरह नास पढ़ना भी सुन्नत है और रूहानी हिफाज़त का ज़रिया है।
5. अगर किसी को दुआ याद नहीं हो तो क्या करे?
उत्तर:
अगर अरबी दुआ याद नहीं है, तो पहले उसका अर्थ समझें और अभ्यास करें। तब तक आप हिंदी में भावपूर्वक दुआ कर सकते हैं। अल्लाह नियत देखता है।
6. क्या सोने की दुआ मोबाइल या किताब से पढ़ सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, बिल्कुल। आप मोबाइल, किताब, या किसी भी माध्यम से देखकर दुआ पढ़ सकते हैं, बशर्ते उसमें तवज्जो और आदब हो।
7. बच्चों को सोने की दुआ कैसे सिखाएं?
उत्तर:
बच्चों को दुआ छोटी उम्र से ही सिखाएं। रोज़ाना सोने से पहले उन्हें दुआ दोहराने को कहें और साथ में अर्थ भी बताएं। खेल-खेल में यह आदत बन जाती है।
8. सोने की दुआ के क्या फायदे हैं?
उत्तर:
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दिल को सुकून मिलता है
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बुरे ख्वाबों से हिफाज़त
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फरिश्तों की निगरानी
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रूहानी तसल्ली
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अल्लाह से रिश्ता मज़बूत होता है
9. क्या सोने की दुआ हर रात पढ़नी चाहिए?
उत्तर:
हाँ, यह सुन्नत और एक नेक अमल है जिसे रोज़मर्रा की आदत में शामिल करना चाहिए।
10. क्या दुआ पढ़ने से नींद बेहतर होती है?
उत्तर:
जी हाँ, जब इंसान अल्लाह को याद करके सोता है, तो उसका दिल हल्का और सुकून से भर जाता है, जिससे नींद बेहतर होती है|
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