श्रीकृष्ण के विचार हमें जीवन में सही मार्ग दिखाते हैं। उनके शब्दों में प्रेम, करुणा, ज्ञान और धर्म का संदेश छिपा है। जब हम उनके विचारों को समझते हैं, तो हमें जीवन के कठिन समय में भी शांति और साहस मिलता है। यह विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
-
कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।
-
जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है।
-
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है।
-
आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है।
-
जो तेरा है, वो तुझ तक आएगा।
-
चिंता मत कर, समय बदलते देर नहीं लगती।
-
जीवन में संतुलन बनाए रखना ही सच्चा योग है।
-
अहंकार से बड़ी कोई दुश्मनी नहीं।
-
हर कार्य भगवान को समर्पित करो।
-
सच्चा प्रेम त्याग में होता है, स्वार्थ में नहीं।
-
प्रेम में अधिकार नहीं, समर्पण होता है।
-
क्रोध से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
-
ज्ञान ही सबसे बड़ा शस्त्र है।
-
समय से पहले और भाग्य से ज़्यादा कुछ नहीं मिलता।
-
दुःख और सुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
-
जीवन एक युद्ध है, और हर व्यक्ति योद्धा।
-
धर्म का साथ कभी व्यर्थ नहीं जाता।
-
सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्चा धर्म है।
-
इच्छा ही दुःख का कारण है।
-
हर आत्मा परमात्मा का अंश है।
-
विश्वास रख, मैं हूं तेरे साथ।
-
जो मुझे प्रेम करता है, मैं उसके हृदय में बसता हूं।
-
मन को वश में करना सबसे बड़ा तप है।
-
परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
-
अपने कर्तव्य का पालन करो।
-
सच्चा योगी वही है जो सबमें मुझे देखता है।
-
मोह से मुक्ति ही मोक्ष है।
-
ज्ञान से अंधकार मिटता है।
-
विनम्रता ही महानता की निशानी है।
-
कर्म ही पूजा है।
-
हर कार्य में मेरा स्मरण करो।
-
मैं हर जीव के हृदय में विराजमान हूं।
-
केवल कर्म करना तेरा अधिकार है।
-
भक्त के प्रेम में मैं बंध जाता हूं।
-
मनुष्य जितना सोचता है, उतना ही बनता है।
-
तृष्णा से बड़ी कोई बीमारी नहीं।
-
मन ही मित्र है, और मन ही शत्रु।
-
अज्ञानता ही असली अंधकार है।
-
जिस पर मेरी कृपा होती है, वह मोह से मुक्त हो जाता है।
-
जीवन में उदास न हो, मैं हूं तेरे साथ।
-
न किसी से द्वेष करो, न किसी से मोह रखो।
-
दूसरों की भलाई में ही अपना कल्याण है।
-
कर्मयोग सबसे श्रेष्ठ है।
-
स्वधर्म का पालन ही सबसे बड़ा धर्म है।
-
लोभ जीवन का पतन करता है।
-
अपने अंतःकरण की आवाज सुनो।
-
प्रेम सच्चा हो तो भगवान भी प्रकट हो जाते हैं।
-
ध्यान से मन को नियंत्रित किया जा सकता है।
-
विजय उसी की होती है जो अपने ऊपर विजय पाता है।
-
ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा रखो।
-
वाणी मधुर होनी चाहिए।
-
सेवा ही सच्चा धर्म है।
-
एक बार समर्पण कर दो, फिर चिंता मत करो।
-
प्रेम, करुणा और क्षमा—यही सच्चे गुण हैं।
-
मोह त्यागना ही मुक्ति का रास्ता है।
-
सभी में मुझे देखो, भेदभाव मत करो।
-
जब मन शुद्ध होता है, तभी ईश्वर मिलता है।
-
ध्यान से ही सच्चा आत्मबोध होता है।
-
संघर्ष ही जीवन का सार है।
-
मेरा नाम जपते रहो, शांति मिलेगी।
-
जब तक सांस है, प्रयास करो।
-
मन को जीतो, तभी संसार को जीत सकोगे।
-
ईर्ष्या आत्मा को खोखला कर देती है।
-
प्रेम करने वाला भक्त मुझे प्रिय होता है।
-
हर कष्ट में मेरा स्मरण तुम्हारा सहारा बनेगा।
-
जीवन को सरल बनाओ, सोच को उच्च।
-
अच्छे कर्म ही इंसान को ऊंचा उठाते हैं।
-
दूसरों को माफ करना भी वीरता है।
-
अपने अंदर की शक्ति को पहचानो।
-
सच्चा ज्ञान वही है, जो आत्मा को जानता है।
-
जो सबको समान दृष्टि से देखे, वही ज्ञानी है।
-
मौन भी एक साधना है।
-
दुख में भी जो भगवान को याद करता है, वह भक्त है।
-
हर आत्मा मेरा अंश है।
-
संसार नश्वर है, आत्मा शाश्वत है।
-
सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं।
-
प्रेम बांटो, द्वेष नहीं।
-
जीवन एक सतत यात्रा है।
-
जो जैसा कर्म करता है, वैसा फल पाता है।
-
मुझे पाने के लिए मन शुद्ध करना होगा।
-
जो शांति चाहता है, उसे क्रोध छोड़ना होगा।
-
तटस्थ रहना ही सच्चा ज्ञान है।
-
जीवन में हर क्षण भगवान को समर्पित करो।
-
हर जीव में मैं ही हूं।
-
भाव से मुझे पाओगे, बाहरी दिखावे से नहीं।
-
मन शांत हो तो ईश्वर प्रकट होता है।
-
जब मैं हूं, तो डर किस बात का।
-
सत्य बोलो, पर प्रिय बोलो।
-
अपने कर्मों का फल अवश्य मिलता है।
-
हर विपत्ति एक अवसर है।
-
मेरा नाम सच्चे मन से लो, सब कष्ट दूर होंगे।
-
समर्पण ही सच्चा भक्ति मार्ग है।
-
मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा ही बनता है।
-
आशा रखो, विश्वास रखो, मैं साथ हूं।
-
प्रेम में बल है, हिंसा में नहीं।
-
जिसने स्वयं को जान लिया, उसने सब जान लिया।
-
किसी को दुख मत दो, यही धर्म है।
-
जो स्वयं को जीत ले, वही सबसे बड़ा विजेता है।
-
मेरा नाम ही सबसे बड़ा मंत्र है।
-
हर पल, हर सांस में मेरा स्मरण करते रहो।
FAQ for shri krishna thoughts in hindi
श्रीकृष्ण के विचारों का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: श्रीकृष्ण के विचार कर्म, भक्ति, प्रेम, और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। वे सिखाते हैं कि व्यक्ति को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
क्या श्रीकृष्ण के विचार आज के जीवन में भी प्रासंगिक हैं?
उत्तर: हां, श्रीकृष्ण के विचार आज भी उतने ही उपयोगी हैं। जीवन के हर क्षेत्र में—चाहे वह पारिवारिक हो या व्यावसायिक—उनकी शिक्षाएँ मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
श्रीकृष्ण के विचारों को कहाँ से पढ़ सकते हैं?
उत्तर: श्रीकृष्ण के विचार मुख्यतः भगवद गीता में संकलित हैं। इसके अतिरिक्त, कई आध्यात्मिक पुस्तकों और ऑनलाइन स्रोतों से भी आप उनके उपदेश पढ़ सकते हैं।
भगवद गीता में श्रीकृष्ण का सबसे प्रसिद्ध उपदेश कौन-सा है?
उत्तर: “कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर” (कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन) भगवद गीता का सबसे प्रसिद्ध और प्रेरणादायक उपदेश है।
श्रीकृष्ण के विचारों को जीवन में कैसे अपनाएं?
उत्तर: नियमित रूप से गीता का अध्ययन करें, ध्यान व मनन करें और अपने जीवन में निष्काम कर्म व सच्चाई के मार्ग पर चलें। यह उनके विचारों को आत्मसात करने का सर्वोत्तम तरीका है|
- Detailed Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6: Question and Answers
- Explore the Latest News and Articles on Hindi Milap Paper for Current Updates
- Complete Guide to BSSC Syllabus in Hindi PDF for 2025 Exams
- Emotional relationship quotes in Hindi to share love and heartfelt emotions
- आईआईटी मद्रास नॉन-टीचिंग भर्ती 2025 - 23 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- आईआईएम त्रिची में फैकल्टी भर्ती 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन 20 मई तक करें
- एनबीसीसी सीनियर एक्सपर्ट भर्ती 2025 - ऑफलाइन आवेदन करें, 01 पद के लिए
- TNPL मुख्य प्रबंधक भर्ती 2025 - ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया और विवरण
- Complete List of Official Holidays in Chhattisgarh for 2024 in Hindi PDF
- Top Hindi FB Status to Share and Express Your Feelings on Facebook